: सीनियर सिटीजन ने प्रभात खबर से साझा की अपनी बातदीनबंधु/धर्मेंद्र सेकेंड इनिंग चतरा. सरकारी सेवा से सेवानिवृत होने के बाद दूसरी जिंदगी जीना आसान नहीं होता. जब किसी की नौकरी लगती है, तो उनके जीवन का एक हिस्सा बन जाता है. उनका पूरा ध्यान अपनी नौकरी व बच्चों के पालन पोषण के साथ-साथ पढ़ाई पर होता है. लेकिन सरकारी सेवा से रिटायर्ड होने के बाद सीनियर सिटीजन के रूप में अलग अंदाज में जिंदगी जीते हैं. रिटायर्ड के बाद कुछ लोग किस तरह अपनी जिंदगी व्यतीत कर रहे हैं, इसके बारे में बताया़ इसे लेकर कुछ सीनियर सिटीजन से बातचीत की गयी. सभी का कहना था कि नौकरी से रिटायर्ड हुए हैं, जिंदगी से नहीं. कुछ लोग समाजसेवा से जुड़े हुए हुई हैं, तो कोई युवाओं को खेलकूद व अन्य कार्यों में प्रोत्साहित करने में लग गये हैं. युवाओं को खेल के प्रति प्रोत्साहित कर रहे हैं : सहदेव साहू : सिमरिया प्रखंड बानासाड़ी गांव के सहदेव साहू 1994 में शिक्षक बने. 2024 में बगरा मध्य विद्यालय से रिटायर्ड हुए. 29 साल तक नौकरी की. सेवानिवृत होने के बाद गांव के युवकों को खेलकूद को लेकर प्रोत्साहित करते रहते हैं. साथ ही धार्मिक कार्य रामनवमी, दुर्गा पूजा समेत अन्य कार्यक्रमों में लोगों को तन, मन, धन से सहयोग कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि युवकों को फुटबॉल जैसे खेल के प्रति प्रोत्साहित करते है. समाज के लोगों को जागरूक कर रहे हैं : खेमलाल साहू सिमरिया प्रखंड बानासाड़ी गांव के खेमलाल साहू 1972 में शिक्षक बने. 39 साल तक शिक्षक बने रहे. मध्य विद्यालय पगार से सेवानिवृत हुए. रिटायर्ड होने के बाद तेली साहू समाज के प्रखंड अध्यक्ष बने. अपने समाज के लोगो को लेकर जागरूक कर रहे हैं. साथ ही समाज के लोगों को न्याय दिलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि समाज की गरीब बेटियों की शादी कराने में अहम भूमिका निभाते हैं. साथ ही दहेज मुक्त शादी कराने का काम कर रहे हैं. कृषि की नयी तकनीक की जानकारी दे रहे हैं : परमेश्वर प्रसाद सिंह सिमरिया प्रखंड बानासाड़ी पंचायत के कसियाडीह गांव के परमेश्वर प्रसाद सिंह 1980 में पंचायत सचिव बने. 2017 में सेवानिवृत हुए. 37 वर्षों तक नौकरी की. सेवानिवृत होने के बाद कुरमी समाज के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं. सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के प्रति जागरूक कर रहे हैं. कृषि कार्य से जुड़ कर गांव के किसानों को नयी तकनीक से खेती करने की जानकारी देते हैं. उन्होंने बताया कि समाज के उत्थान को लेकर जागरूकता अभियान चला रहे है. शिक्षा के प्रति कर रहे हैं जागरूक : विनय कुमार सिंह टंडवा प्रखंड के विनय कुमार सिंह 1988 शिक्षक बने. 2023 में सेवानिवृत हुए. 35 वर्षों तक शिक्षक के रूप में कार्य किया. सेवानिवृत होने के बाद गांव के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक कर रहे हैं. लोगों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने व अच्छी शिक्षा देने को लेकर प्रेरित करते हैं. इसके अलावा समाज के सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते हैं. युवकों को पढ़ाई से लेकर अन्य अच्छे कार्यों के लिए प्रोत्साहित करते हैं. सेवानिवृत के बाद भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं : युगेश्वर प्रसाद पत्थलगड्डा प्रखंड लेंबोईया गांव के युगेश्वर प्रसाद वर्ष 2003 में शिक्षक बने. 2024 में नावाडीह उत्क्रमित प्लस टू उवि से सेवानिवृत हुए. 21 वर्षों तक शिक्षक बने रहे. सेवानिवृत होने के बाद गांव के बगल में स्थित दानापुर मध्य विद्यालय में जाकर बच्चो को पढ़ाते हैं. लेंबोईयां मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष हैं. पूजा-अर्चना करने आने वाले श्रद्धालुओं को मदद करते हैं. इसके अलावा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं.
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