कुंदा. प्रखंड अंतर्गत सिकीदाग पंचायत के सोहरलाठ गांव में गुरुवार को प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर लोगों ने खुल कर गांव की समस्याएं रखी. इस गांव में 300 परिवार रहते हैं, जिसमें आदिम जनजाति व अनुसूचित जनजाति के लोग शामिल हैं. गांव की मुख्य समस्या सड़क और बिजली है. गांव से होकर गुजरी हथवार नदी व द्वारपाल नदी पर पुल नहीं से बरसात के मौसम में गांव टापू बन जाता है. बिजली की सुविधा नहीं रहने से आज भी लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं. हर घर नल जल योजना का भी लाभ भी यहां के लोगों को नहीं मिल रहा है. गांव के कई चापानल खराब पड़े हैं.
ग्रामीणों ने कहा
सुदीप बिरहोर ने बताया कि आजादी के बाद से आज तक गांव में सड़क नहीं बनी है. सड़क की मांग वर्षों से करते आ रहे हैं, लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जर्जर व कच्चे सड़क से आवागमन करते हैं. बिगनी बिरहोरिन ने कहा कि 60 वर्ष से अधिक उम्र हो चुकी है. गांव में बिजली व पक्की सड़क देखना आज भी अधूरा है. कई जलमीनार व चापानल खराब पड़ा हुआ है. सरकार व जिला प्रशासन का ध्यान हमारे गांव की ओर नहीं है. कलेंदर गंझू ने कहा कि गांव में रोजगार का साधन नहीं है. गांव में मनरेगा योजना चलती है. काम तो मिलता है, लेकिन समय पर मजदूरी नहीं मिलती है. इस वजह से काम में मन नहीं लगता है. मजबूरन पलायन करना पड़ता है. श्रीनाथ गंझू ने कहा कि गांव की समस्या को लेकर अधिकारी व नेताओं तक गुहार लगा चुके है, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है. आम आदमी की आवाज की कोई कीमत नहीं है. चुनाव के वक्त सब वादा करते हैं, बाद में भूल जाते हैं. विनोद महतो ने कहा कि लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सड़क व बिजली की मांग को लेकर ग्रामीण गोलबंद हुए. वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया था, लेकिन जिला प्रशासन के आश्वासन के बाद वोट दिया, लेकिन गांव का विकास नहीं हुआ़
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