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पीवीटीजी परिवारों के विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध : डीसी

सरकारी पहल. बिरहोर, परहिया, बैगा के उत्थान को लेकर डोर-टू-डोर सर्वे

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चतरा. जिले के पीवीटीजी (विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह) समुदाय को योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है. डोर-टू-डोर सर्वे कर केंद्र व राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं से उन्हें जोड़ा जा रहा है, ताकि पीवीटीजी समुदाय का उत्थान हो सके. ये बातें उपायुक्त रमेश घोलप ने गुरुवार को प्रेस काॅन्फ्रेंस कर कही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत हर पंचायत में शिविर लगा कर लोगों की समस्याओं का समाधान किया गया. इस दौरान पीवीटीजी समुदाय के लोग योजनाओं के लाभ से वंचित थे. इसका मुख्य कारण उनका कोई आइडेंटीटी ही नहीं होना था. इसे लेकर जिला प्रशासन द्वारा 28 नवंबर से पीवीटीजी समुदाय बिरहोर, परहिया, बैगा के उत्थान को लेकर डोर-टू-डोर सर्वे किया गया. जिले के 74 गांवों में 1653 परिवार में 6431 आदिम जनजाति पाये गये, जिसमें सिमरिया के 20 गांवों में 445, चतरा के 10 गांवों में 1167, लावालौंग के 16 गांवों में 1061 आदि शामिल हैं. कुंदा को छोड़ कर सभी प्रखंडों में बिरहोर हैं. लावालौंग व चतरा में परहिया व लावालौंग, प्रतापपुर, चतरा, कुंदा में बैगा समुदाय निवास करते हैं. सर्वे के दौरान उक्त समुदाय किस योजना से वंचित हैं, इसकी जानकारी जुटाई गयी. इसके बाद गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया गया. पदाधिकारी घरों में पहुंच कर दस्तावेज बनाने व योजनाओं से जोड़ने का काम किया. टंडवा व सिमरिया में निवास करने वाले पीवीटीजी परिवार को डीएमएफटी योजना से लाभ दिया जायेगा. लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है. मुर्गी, बकरी, सुअर पालन, दोना पत्तल निर्माण, ई-रिक्शा, ट्रैक्टर उपलब्ध कराया जायेगा. साथ ही सड़क, नाली, चबूतरा, स्कूल को दुरुस्त, आंगनबाड़ी को मॉडल आंगनबाड़ी बनाया जायेगा. इसके लिये स्वीकृति दे दी गयी है. दो-तीन माह में धरातल पर योजनाएं दिखने लगेंगी. सिमरिया के कोरी उत्क्रमित मध्य विद्यालय को पुन: चालू किया गया है. मौके पर सिमरिया एसडीओ सन्नी राज, एसी अरविंद कुमार, डीईओ दिनेश कुमार मिश्र, डीपीआरओ शकील अहमद उपस्थित थे. दस्तावेज बना कर दिया गया लाभ पीवीटीजी समुदाय के लोगों का सबसे पहले महत्वपूर्ण दस्तावेज बना कर योजनाओं से जोड़ा गया. अब तक 3889 जाति प्रमाण पत्र, 4009 आवासीय, 82 लोगों की आय, 1280 लोगों का जन्म प्रमाण पत्र, 689 लोगों का आधार कार्ड व 449 लोगों का मनरेगा जॉब कार्ड बनाया गया. जनजातीय परिवार के बीच 74 वनाधिकार पट्टा के तहत 19.91 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी गयी, जिसमें व्यक्तिगत वनपट्टा 71 व सामुदायिक वनपट्टा तीन दिया गया. 290 लोगों को पेंशन, 495 आवास का लाभ दिया गया. पीवीटीजी बहुल क्षेत्रों में 190 योजनाएं शुरू की गयी. जेएसएलपीएस के तहत 41 स्वयं सहायता समूह में 579 लोग हैं. 16 लाख 75 हजार रुपये लोन के रूप में दिया गया है. 694 लोगों का बैंक खाता, 23 छात्राओं का कस्तूरबा में नामांकन व 303 बच्चों का स्कूलों में नामांकन किया गया, जिसमें 283 छात्रों काे छात्रवृत्ति की स्वीकृति दी गयी है. 212 लोगों का राशन कार्ड, 33 बच्चियों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का लाभ, 1194 लोगों का आयुष्मान कार्ड बनाया गया है. अपने अधिकार के प्रति हो रहे हैं जागरूक डीसी ने कहा कि बिरहोर, बैगा व परहिया जनजाति के लोग अब अपने अधिकार के प्रति जागरूक होने लगे हैं. पदाधिकारी व जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच कर अपना अधिकार मांगने लगे हैं. बताया कि सर्वे के पूर्व लोगों में जागरूकता नहीं थी. दस्तावेज नहीं रहने के कारण योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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