यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए उमड़ रही है भीड़ पत्थलगड्डा. भागवत कथा एक शास्त्रीय संगीत की तरह है, जो सभी को नहीं भाता. जिसे भा गया, वह उसमें डूब जाता है. भागवत कथा एक ऐसा ग्रंथ है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण की लीलाएं, उनके जीवन, शिक्षाओं का वर्णन है. ये बातें राष्ट्रीय कथावाचिका देवी गौरी प्रिया ने नावाडीह बाजोबार स्थित मोरशेरवा पहाड़ी में आयोजित नौ दिवसीय महायज्ञ में प्रवचन के दौरान कही. उन्होंने कहा कि भागवत कथा सुनने से भक्तों की शक्ति गहरी होती है. कथा में भगवान श्रीकृष्ण की तरह-तरह की लीलाएं का वर्णन है. उन्होंने हमेशा सत्य के साथ रहने का संदेश दिया है. सत्य से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. देवी गौरी प्रिया का प्रवचन सुनने काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. दूसरी ओर यज्ञ मंडप की परिक्रमा के लिए भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. चिलचिलाती धूप में भी श्रद्धालु परिक्रमा कर रहे हैं. यज्ञ के चौथे दिन वेदी पूजन, अग्निमंथन, पुष्पाधिवास, पत्राधिवास के बाद संध्या आरती की गयी. यज्ञाचार्य अमित उपाध्याय ने बताया कि यज्ञ के दौरान बारिश होना शुभ संकेत है. आंधी तूफान चलने के बाद भी यज्ञ मंडप सुरक्षित रहा, जिससे लगता है कि यज्ञ देवता खुश है. यज्ञ को सफल बनाने में समिति के अध्यक्ष रमेश ठाकुर, पूर्व मुखिया मेघन दांगी, रघुवीर दांगी, विनोद दांगी, राजेंद्र दांगी, राजेश दांगी, रामसुंदर दांगी, किरण देवी, कृष्णा दांगी, भुवनेश्वर महतो, विश्वजीत दांगी, महादेव राणा, आदित्य राणा, प्रकाश राणा, तारकेश्वर राणा समेत कई लगे हुए हैं.
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