सड़ांध से सांस लेना हुआ मुहाल
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नजर अंदाज. कुव्यवस्था की भेंट चढ़ा केंद्रीय भंडारण निगम कार्यालय
सड़ांध से सांस लेना हुआ मुहाल जिला स्तर पर तैनात कार्यालय प्रबंधन द्वारा नियम के विरुद्ध कार्य को अंजाम दिया जाये तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी महकमा द्वारा स्थानीय व्यवस्था का संचालन किस प्रकार किया जा रहा है. कुछ ऐसी कुव्यवस्था का शिकार हो रहा जिला मुख्यालय स्थित संचालित केंद्रीय […]
जिला स्तर पर तैनात कार्यालय प्रबंधन द्वारा नियम के विरुद्ध कार्य को अंजाम दिया जाये तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी महकमा द्वारा स्थानीय व्यवस्था का संचालन किस प्रकार किया जा रहा है. कुछ ऐसी कुव्यवस्था का शिकार हो रहा जिला मुख्यालय स्थित संचालित केंद्रीय भंडारण कार्यालय.
सुपौल : सरकार आमजनों की सुविधा के मद्देनजर कई योजनाओं को संचालित करती है. साथ ही योजनाओं का लाभ व्यवस्थित तरीके से लोगों को मिले. इसे लेकर कई प्रकार की व्यवस्था भी बहाल किया गया है. बावजूद इसके जब जिला स्तर पर तैनात कार्यालय प्रबंधन द्वारा नियम के विरुद्ध कार्य को अंजाम दिया जाये तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी महकमा द्वारा स्थानीय व्यवस्था का संचालन किस प्रकार किया जा रहा है.
कुछ ऐसी कुव्यवस्था का शिकार हो रहा जिला मुख्यालय स्थित संचालित केंद्रीय भंडारण कार्यालय. गौरतलब हो कि उक्त कार्यालय व गोदाम की साफ – सफाई तो दूर प्रबंधन भी लापरवाह बना हुआ है. जिस कारण गोदाम परिसर में कार्य कर रहे कर्मी व मजदूरों को सड़ांध का सामना करना पड़ रहा है.
इस मसले की जानकारी के बाद भी सीडब्लूसी प्रबंधन अनजान बने हुए है. मालूम हो कि इस बाबत पूछने पर स्थानीय सीडब्लूसी प्रबंधक श्याम बिहारी चौबे ना तो कुछ बताना मुनासिब समझते हैं और नहीं अपने दायित्व के प्रति कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं.
गोदाम के चहुंओर गंदगी ही गंदगी :सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जहां बीते दिनों सभी सरकारी कर्मियों को विशेष रूप से निर्देशित करते हुए संकल्प भी दिलाया गया.
लेकिन जिला मुख्यालय में कुछेक सरकारी कार्यालय ऐसा भी देखा जा रहा है. जहां नियम को ताक रख कार्य का निष्पादन किया जाता रहा है. ऐसे ही कार्यालयों में केंद्रीय भंडारण निगम भी शामिल हैं. मालूम हो कि खाद्यान्न को स्वच्छ व सुरक्षित रखे जाने को लेकर लाखों – करोड़ों की राशि खर्च कर गोदाम निर्माण कार्य कराया गया.
साथ ही व्यवस्था को सुदृढ बनाये रखने को लेकर कर्मियों को पदस्थापित किया गया. लेकिन भंडारण निगम कार्यालय के प्रबंधन द्वारा खाद्यान्न की सुरक्षा में व्यापक लापरवाही बरती जा रही है. आलम यह है कि गोदाम के चहुंओर गंदगी का जमावड़ा बना रहता है. यहां तक कि गोदाम तक पहुंचने वाले वाहनों से उड़ती धूल व कीचड़ का प्रभाव बाहरी प्रदेशों से लाये जा रहे चावल व अन्य खाद्यान्नों की गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है.
बावजूद इसके स्थानीय प्रबंधक द्वारा किसी प्रकार की सुधि नहीं ली जा रही है.
ससमय नहीं हो रहा उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर
जानकारों की माने तो सभी सरकारी मुलाजिमों के कार्यालय प्रवेश करने के उपरांत उन्हें उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर होना आवश्यक है. ताकि सभी कर्मियों की दैनिकी उपस्थिति से विभाग व सरकार रू ब रू हो सके. साथ ही सरकारी महकमाओं के उपस्थिति ही उसके कार्यों की कर्तव्यनिष्ठता का बोध कराता है. लेकिन स्थानीय भंडारण निगम के प्रबंधक सहित अन्य कर्मियों द्वारा मनमरजी उपस्थिति दर्ज कराने का कार्य किया जाता है.
मालूम हो कि इस माह के पांच दिन बीत जाने के बाद मंगलवार को प्रबंधक श्री चौबे द्वारा आनन-फानन में उपस्थिति पंजी पर चार दिनों का हाजिरी लगाया गया. उपस्थिति पंजी पर कार्यालय के एक मात्र कर्मी एस के ठाकुर द्वारा चार अप्रैल तक का हाजिरी लगा हुआ पाया गया. जबकि पांच से 14 अप्रैल तक की छुट्टी का आवेदन भी लगाया गया था. बावजूद इसके उक्त आवेदन को प्रबंधक श्री चौबे द्वारा स्वीकृत नहीं किया गया था. इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि स्थानीय कार्यालय प्रबंधन अपने कर्मियों का किस प्रकार से बचाव करते रहे हैं.
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