निर्मली : करोड़ों की लागत से बना अनुमंडलीय अस्पताल इन दिनों मरीजों की बजाय मवेशियों व उचक्कों की शरणस्थली बन चुका है. शाम होते ही यहां शराबियों व उचक्के किस्म के लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो जाता है परन्तु मरीजों के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था प्रदान करने हेतु बने इस अस्पताल को देखने वाला कोई नहीं है. लगभग पांच करोड़ की लागत से बने 100 बेड वाले अनुमंडल अस्पताल का उद्घाटन 12 अक्तूबर 2014 को किया गया था़ लेकिन डेढ़ वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी इस अस्पताल में चिकित्सकों व अन्य कर्मियों की नियुक्ति नहीं की गई है.
चिकित्सकों व अन्य कर्मियों की नियुक्ति नहीं रहने की वजह से आमलोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर ही निर्भर रहना पड़ता है या फिर किसी बड़े शहर जाना पड़ता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर इस अस्पताल का निर्माण कर इसे बंद ही रखना था तो फिर इसके निर्माण हेतु करोड़ों रुपये खर्च क्यों किये गए. जनप्रतिनिधियों ने आम जनता से वोट लेने हेतु इसका निर्माण तो करा दिया परन्तु वोट मिल जाने के बाद इस अस्पताल की सुधि लेने वाला कोई भी नहीं है.
अस्पताल चालू भी नहीं हुआ लेकिन यह जर्जर स्थिति में पहुंचने की कगार पर है. इस संबंध में पूछे जाने पर अनुमंडल पदाधिकारी अरूण कुमार सिंह का कहना है कि अनुमंडलीय अस्पताल को चालू कराने की दिशा में पत्राचार किया गया है़ लेकिन अभी तक चिकित्सकों की कमी की वजह से अस्पताल चालू होने में देरी हो रही है.