सुपौल : जिले भर में नरक निवारण चतुर्दशी के मौके पर रविवार को शिवालयों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गयी़ शिवालयों में हर-हर महादेव सहित मंत्रोच्चार होता रहा़ मंत्रोच्चार से संपूर्ण वातावरण भक्ति मय हो उठा़ माघ कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाये जाने वाले नरक निवारण को लेकर भक्त जनों में खुशी का माहौल था.
मुख्यालय सहित ग्रामीण क्षेत्रों से भगवान शिव व पार्वती सहित अन्य देवी देवताओं की मानवीय स्वरूप प्रतिमा बना कर श्रद्धालुओं ने झांकियां भी निकाली़ं विभिन्न सेवा समिति द्वारा गाजे बाजे के साथ निकाली गयी झांकियों को नगर भ्रमण कराया गया़ इसके बाद श्रद्धालुओं ने समीप के शिवालयों में जलाभिषेक किया़
नरक निवारण का है विशेष महत्व
मालूम हो कि हिंदू धर्मावलंवियों द्वारा सालों भर दर्जनों त्योहारों को उमंग व उत्साह के साथ मनाया जाता है़ हरेक त्योहार में किसी खास देवी देवताओं की आराधना की जाती है़ मान्यता अनुसार नरक निवारण चतुर्दशी का खास महत्व है़ इस मौके पर सृष्टि के संहारकर्ता भोले नाथ की विशेष पूजा की जाती है़ कुछ श्रद्धालु 24 घंटे उपवास रख कर भगवान शिव की आराधना करते हैं, तो कुछ कई दिन व्रत रख कर भगवान शिव व पार्वती की पूजा अर्चना करते हैं.
सजाये गये थे मंदिर
नरक निवारण चतुर्दशी के मौके पर जिले भर के शिवालयों को पूजा समिति के सदस्यों द्वारा भव्य तरीके से सजाया गया था़ सदर प्रखंड स्थित श्री श्री 108 बाबा तिल्हेश्वर मंदिर सहित परिसर को कार्यकर्ताओं द्वारा आकर्षक तरीके से सजाया गया था़ बाबा तिल्हेश्वर नाथ मंदिर की पौराणिक मान्य रही है कि इस मंदिर में जलाभिषेक करने से श्रद्धालुओं की हरेक मनोकामना पूर्ण होती है़ जिस कारण नरक निवारण सहित अन्य कई मौके पर मुख्यालय सहित दूर दराज क्षेत्र के हजारों श्रद्धालु बाबा तिल्हेश्वर नाथ का दर्शन करने पहुंचते है़ साथ ही इस मौके पर जलाभिषेक भी करते हैं़ शिव चतुर्दशी के मौके पर कई दशकों से श्रद्धालु गण पूजा अर्चना को लेकर बाबा तिल्हेश्वर मंदिर पहुंचते रहे हैं़
श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए तिल्हेश्वर न्यास कमेटी द्वारा भव्य मेला का आयोजन कराया गया़ मेला में फुटकर दुकान दारों द्वारा पूजन सहित अन्य सौदर्य प्रसाधन के सामग्रियों को सजाया गया था़ जहां जलाभिषेक करने आये भक्त जनों ने मेला का भी आनंद उठाया़ साथ ही संध्या के समय संकीर्तन सहित अन्य धार्मिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया़ नरक निवारण चतुर्दशी के मौके पर दिन भर मंदिर सहित आस पास के क्षेत्रों में भारी भीड़ बनी रही़ भीड़ को नियंत्रण व श्रद्धालुओं को जलाभिषेक में कठिनाई का सामना ना हो इसे लेकर प्रशासन द्वारा सुरक्षा बलों को तैनात किया गया था़
साथ ही मंदिर के कमेटी द्वारा दर्जनों वोलेटियर को जगह- जगह लगाया गया था़ बाबजूद इसके अधिकांश श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर पहुंचने में कई घंटों तक कठिनाईयों का सामना करना पड़ा़ खास कर बच्चों व महिलाओं को परेशानी हुई़