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पिता गये िदल्ली, गांव में मातम का माहौल

खोजबीन. ट्रैक पर शव किया गया बरामद सुपौल : सदर प्रखंड के बभनगामा वार्ड नंबर 12 निवासी आइसीएएस अधिकारी जितेंद्र कुमार झा पता अबतक नहीं चल सका है. हालांकि एक शव गुरुवार को दिल्ली के पालम विहार रेलवे ट्रैक से बरामद हुआ है. डेडबॉडी के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है. […]

खोजबीन. ट्रैक पर शव किया गया बरामद

सुपौल : सदर प्रखंड के बभनगामा वार्ड नंबर 12 निवासी आइसीएएस अधिकारी जितेंद्र कुमार झा पता अबतक नहीं चल सका है. हालांकि एक शव गुरुवार को दिल्ली के पालम विहार रेलवे ट्रैक से बरामद हुआ है. डेडबॉडी के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है. हालांकि, परिजनों ने इस शव को पहचानने से इंकार किया है. वहीं अधिकारी के पिता दर्पनारायण झा शव पहचानने के लिए दिल्ली पहुंच गये है. घटना को लेकर आइसीएएस अधिकारी के गांव में कोहराम मचा हुआ है.
बिहार के सुपौल जिले के रहने वाले जितेंद्र कुमार झा पिछले तीन दिनों से लापता थे. जितेंद्र कुमार झा सोमवार सुबह को राजधानी दिल्ली के द्वारका इलाके में स्थित अपने आवास से मार्निंग वॉक पर निकले थे. जिसके बाद से ही उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा था. द्वारका डीसीपी शिबेस सिंह ने बताया कि शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है. शुरुआती जांच में पुलिस का कहना है कि ये आत्महत्या का मामला दिख रहा है, लेकिन पुलिस इस केस की और सुसाइड नोट की भी पूरी जांच कर रही है.
पुलिस का कहना है कि केस की हर एंगल से जांच की जायेगी. दिल्ली में कार्यरत बिहार के सुपौल जिले के आइसीएएस अधिकारी जितेंद्र कुमार झा अपने द्वारका स्थित आवास से मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे उसके बाद वे घर नहीं लौटे थे. जितेंद्र के काफी देर तक घर ना आने के बाद उनकी पत्नी ने अपने ससुराल फोन कर उनके घर ना लौटने की जानकारी दी थी. जितेंद्र के लापता होने की खबर के बाद से ही बिहार के सुपौल स्थित उनके घर में कोहराम मच गया. आइसीएएस अधिकारी जितेंद्र के लापता होने की खबर पुलिस में देने के बाद से प्रशासन तुंरत हरकत में आयी और पूरे इलाके की सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू कर दी थी. सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी में जितेंद्र झा अपने द्वारका स्थित घर से निकलते हुए दिख रहे थे. पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी थी.
जितेंद्र कुमार झा दिल्ली के द्वारका में रहते थे और इंडियन सिविल अकाउंट सर्विसेज के अधिकारी थे. इससे पहले वे सूचना प्रसारण मंत्रालय में कार्यरत थे और इस समय वह मानव संसाधन मंत्रालय में कार्यरत थे. उनकी पत्नी ने कहा, वो काफी दिनों से परेशान थे. उनका हर पांच या छह महीने पर ट्रासंफर कर दिया जाता था. जितेंद्र की पत्नी के मुताबिक जितेंद्र की काफी लोगों से दुश्मनी भी हो चुकी थी. क्योंकि वह ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारी थे. उनकी पत्नी ने किसी भी व्यक्ति पर शक जाहिर नहीं की है.
जितेंद्र के गुम होने के बाद दी सास-ससुर को जानकारी
बता दें कि सोमवार को श्री झा जब वापस नहीं लौटे तो अंत में श्री झा की पत्नी अपने पैतृक गांव बभनगामा में सास-ससुर को जितेंद्र के नहीं लौटने की जानकारी दी. इस बात की जानकारी मिलते ही मानों माता-पिता के आंखों के सामने अंधेरा छा गया हो. जिसके बाद ग्रामीण व सगे संबंधियों का घर पर तांता लगा रहा. अचानक गुरुवार को दिल्ली पुलिस की मुस्तैदी के बाद खुलासा हुआ कि पालम बिहार में दो शव मिले हैं. जिसमें एक शव अधिकारी जितेंद्र झा का बताया गया. जिसके बाद धीरे-धीरे आग की चिंगारी के तरह शव बरामद होने की बात फैलते एक सुसाइड नोट की भी चर्चा जोरों पर पहुंचने लगी. शव की जानकारी मिलने के बाद परिजनों द्वारा शव के पास पहुंचा गया तो उन्होंने श्री झा के शव को पहचानने से इन्कार कर दिया. हैरान करने वाली बात यह है कि जब पुलिस से श्री झा के द्वारा लिखे गये सुसाइड नोट की मांग की गयी तो पुलिस देने से इन्कार कर दिया. हालांकि पुलिस के मुताबिक श्री झा के द्वारा सुसाइड नोट में अपने मौत के जिम्मेवार किसी को नहीं ठहराया है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को शव का पोस्टर्माटम कराने व डीएन रिपोर्ट के इंतजार के बाद परिजनों द्वारा की जा रही थी. लेकिन समाचार प्रेषण तक खुलासा नहीं हो सका था कि शव जितेंद्र का ही है.

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