सुपौल : जिले में कोढ़ा गिरोह के बाइकर्स की पैनी नजर है और यहां के लोग कोढ़ा गिरोह के अपराधियों के निशाने पर हैं. हालांकि स्थानीय पुलिस जिले में कोढ़ा गिरोह की धमक से इन्कार करती है. लेकिन हकीकत है कि कोढ़ा गिरोह ने जिले में दस्तक दे दी है. गुरुवार की संध्या की घटना इसकी पुष्टि भी कर रही है. बता दें कि संध्या के समय सब्जी खरीद रहे शिक्षक एकमा निवासी किशोर कुमार राम से गिरोह के एक सदस्य ने झपट कर मोबाइल छीन लिया.
हो-हल्ला पर बाजार में उपस्थित लोगों ने गिरोह के एक सदस्य को पकड़ लिया. जबकि दो अन्य बाइक से भागने में सफल रहा. बाद में लोगों ने आरोपित को पुलिस के हवाले कर दिया. आरोपित कभी अपना नाम रमेश तो कभी ज्ञानप्रकाश बता रहा था. जबकि उसके पास से बरामद पहचान पत्र में उसका नाम रमेश कुमार, घर कोढ़ा है. वैसे स्थानीय पुलिस अधिकारी अभी भी कोढ़ा गैंग के बाबत कुछ भी बोलने से पहरेज कर रहे हैं.
अपराध जगत से आज भी है युवाओं का नाता
कटिहार जिला में एनएच 31 के किनारे कोढ़ा एक प्रखंड मुख्यालय है. यहां एक जुराबगंज नाम का मुहल्ला है. जहां जरायम पेशा से जुड़े हुए लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं. यहां अधिकांश आबादी नट समुदाय की है. हालांकि इनमें से एक बड़ी आबादी अब अपराध को छोड़ कर सामाजिक मुख्य धारा से जुड़ चुकी है. लेकिन आज भी यहां युवाओं की एक बड़ी फौज ने अपराध जगत से अपना रिश्ता जोड़ रखा है. यहां बाल अपराधी से लेकर युवा तक अपराध से जुड़े हुए हैं. समाज की मुख्य धारा से अभी तक नहीं है कोई नाता. यहां के अपराधी पड़ोसी पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक सक्रिय हैं. इधर, ताजा घटना के बाद से पुलिस सतर्क है.
बाइक सवार देते हैं अपराध को अंजाम
कोढ़ा गिरोह के सदस्य बाइक के जरिये अपराध को अंजाम देते हैं. इनका पसंदीदा बाइक अपाचे और पल्सर 200 है. गिरोह के अधिकांश सदस्य काले रंग की बाइक का प्रयोग करते हैं. अपराध की ट्रेनिंग के दौरान इन्हें सबसे पहले तेज बाइक चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है. अपाचे और पल्सर के प्रयोग की वजह यह है कि यह हाई स्पीड बाइक है और काफी तेजी से रफ्तार पकड़ता है. यही वजह है कि इस गिरोह के सदस्य अपराध की घटना को अंजाम देने के बाद शायद ही कभी पकड़ में आता है.
जाहिर है उसके बाद पुलिस की स्थिति सांप भागने के बाद लकीर पीटने वाली होती है. खास बात यह है कि इस गिरोह के अपराधी बिरले ही हथियार का उपयोग करते हैं. बैंक ग्राहकों को लूटने के अलावा बाइक की चोरी भी इस गिरोह का दूसरा मुख्य पेशा है. जिले में पूर्व में भी कोढ़ा गिरोह के सदस्य अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं. गुरुवार की शाम की घटना से जाहिर है कि कोढ़ा गिरोह का सदस्य जिले में दस्तक दे चुका है.
बैंक से निकले ग्राहकों को बनाते रहे हैं सॉफ्ट टारगेट
गिरोह के सदस्य मुख्यत: बैंकों के ग्राहकों को अपना निशाना बनाता है. गिरोह के सदस्य अमूमन बैंक की रेकी करते रहते हैं. बैंक से रुपया निकालने तक से लेकर अपने गंतव्य तक पहुंचने के दौरान वे अपना शिकार बनाते हैं. गिरोह के सदस्य मुख्यत: झपट्टा मार कर रुपये का थैला छीन लेते हैं. इसके अलावा बाइक की डिक्की में रखे रुपये को डिक्की तोड़ कर उड़ा लेना इनके बांये हाथ का खेल होता है. उनके जाल में ग्राहक आसानी से फंस जाते हैं. इसके अलावा बैंक से निकले ग्राहकों के शरीर पर मैला लगाना या नोंचने वाली दवाई छिड़क कर रुपये का थैला उड़ा लेना इनकी कार्यप्रणाली का हिस्सा है.
घटनाओं की लंबी फेहरिस्त
इसी बीच 13 अक्तूबर को दिन दहाड़े बाइक पर सवार दो सशस्त्र अपराधियों ने सेवानिवृत्त शिक्षिका से दो लाख रुपये नकद लूट लिया था. घटना को बदमाशों ने सुपौल-सहरसा मार्ग में भेलाही बैरियर के समीप अंजाम दिया था. घटना को उस वक्त अंजाम दिया गया जब इंद्रा देवी बैंक से दो लाख रुपये निकासी कर सहायक शिक्षक संजय झा के साथ परसरमा जा रही थीं. इसी दौरान बाइक पर सवार दो अपराधियों ने गाड़ी रोककर रुपये सहित बैग में रखा सारा कागजात लूट लिया और बाजार की तरफ भाग निकले.
इसी तरह 15 अक्तूबर को एनएच 57 पर गैमन इंडिया के समीप देर शाम अज्ञात अपराधियों ने बाइक सवार से तीन लाख 55 हजार रुपये की छिनतई हथियार के बल पर कर ली थी. दोनों मामले में अभी तक अपराधी पुलिसिया पकड़ से बाहर है. उदाहरणों की लंबी फेहरिस्त है.