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आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई नहीं

उदासीनता. मामला 1.33 लाख क्विंटल अनाज की कालाबाजारी का सीतामढ़ी : 1.33 लाख क्विंटल सरकारी अनाज के फर्जीवाड़ा मामले के आरोपियों के खिलाफ जहां अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है, वहीं इस मामले में प्रशासनिक सुस्ती पर सवाल भी उठने लगे है. निश्चय यात्रा के क्रम में सीतामढ़ी पहुंचे सीएम नीतीश कुमार द्वारा […]

उदासीनता. मामला 1.33 लाख क्विंटल अनाज की कालाबाजारी का

सीतामढ़ी : 1.33 लाख क्विंटल सरकारी अनाज के फर्जीवाड़ा मामले के आरोपियों के खिलाफ जहां अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है, वहीं इस मामले में प्रशासनिक सुस्ती पर सवाल भी उठने लगे है. निश्चय यात्रा के क्रम में सीतामढ़ी पहुंचे सीएम नीतीश कुमार द्वारा आरोपियों के खिलाफ कुर्की के आदेश के बावजूद पुलिसिया कार्रवाई प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया से आगे नहीं बढ़ पायी है. डीएम द्वारा तीन एजीएम के खिलाफ प्रपत्र क के तहत कार्रवाई जरूर की गयी है. इधर, प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आरोपी फरार चल रहे है, जबकि पुलिसिया सुस्ती के कारण मामला ठंडा पड़ता जा रहा है. बताते चले की सितंबर माह में गरीबों के हक के लिए आवंटित कुल 1.33 लाख क्विंटल सरकारी अनाज की कालाबाजारी का मामला सामने आया था.
मामले को लेकर डीएम ने जांच टीम गठित की थी. जांच टीम ने रून्नीसैदपुर व सोनबरसा में छापेमारी कर व्यापक पैमाने में गड़बड़ी उजागर की थी. जांच टीम ने सोनबरसा में सरकारी अनाज को गोदाम में भेजने के बजाय एक डीलर के गोदाम में अनाज गिराते वाहन को जब्त किया था. मामले में एजीएम महेश झा, व डोर स्टेप डिलेवरी अभिकर्ता दिलीप साह के अलावा वाहन चालक व डीलर के खिलाफ बीडीओ कामिनी देवी द्वारा 20 अक्तूबर को सोनबरसा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. मामले में सोनबरसा बीडीओ के खिलाफ प्रपत्र क के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की गयी थी. इसके जवाब में सोनबरसा बीडीओ ने डीलरों के संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र के साथ भेजे गये जवाब में स्परूट किया था कि डीलरों को अतिरिक्त आवंटन मद का अनाज ही नहीं दिश गया था. जबकि डीलरों के नाम फर्जी परमिट बना कर एसएफसी के अधिकारी व कर्मी के अलावा डोर स्टेप डिलेवरी अभिकर्ता ने उक्त अनाज काला बाजार में बेच दिया था. जबकि रून्नीसैदपुर में सामने आये लाखों के अनाज के घोटाले के मामले में प्रभारी एजीएम सह प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी नवीन किशोर अनाज के उठाव व वितरण से संबंधित संचिका लेकर ही फरार हो गये थे.
एसएफसी पटना के अंकेक्षण व निगरानी विभाग की टीम तथा डीएम द्वारा गठित टीम ने भी अलग-अलग मामले की जांच में अनियमितता उजागर की थी. टीम ने गोदाम सील करते हुये 18 अक्तूबर 2016 को तत्कालीन एजीएम नवीन किशोर व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी. प्राथमिकी के बाद से नवीन किशोर फरार चल रहे है. जबकि 19 अक्तूबर को फर्जी एसआइओ पर करोड़ों के अनाज की हेराफेरी के मामले में एसएफसी मुख्यालय पटना के निर्देश पर एसएफसी के तत्कालीन जिला प्रबंधक बलागउद्दीन ने डुमरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें सहायक लेखा पदाधिकारी गजेंद्र प्रसाद सिंह व आइटी मैनेजर गौरव कुमार को आरोपित किया गया था. 20 अक्तूबर को अनाज के गबन के मामले में एक बार फिर सोनबरसा थाने में सोनबरसा एजीएम महेश झा,
सहायक लेखा पदाधिकारी गजेंद्र प्रसाद सिंह व आइटी मैनेजर गौरव कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. बाद में जिला प्रबंधक बलागउद्दीन ने सहायक लेखा पदाधिकारी गजेंद्र प्रसाद सिंह व आइटी मैनेजर गौरव कुमार को सेवा से मुक्त कर दिया था. जबकि विभाग ने तत्कालीन जिला प्रबंधक बलागउद्दीन को मुख्यालय बुला लिया था. इसके बाद बिस्कोमान के राजेंद्र उपाध्याय को एसएफसी के जिला प्रबंधक के पद पर तैनात किया गया है. अनाज के कालाबाजारी का यह मामला जिस तरह उठा था, अब वह पूरी तरह दब गया है. हैरत की बात यह कि इस मुद्दे पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे है.
सीएम के आदेश के बावजूद नहीं हुई अब तक कोई पहल
फर्जी परमिट पर अनाज का उठाव कर बेच दिया था कालाबाजार में
मामले में डुमरा, रून्नीसैदपुर व सोनबरसा थाने में दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकी
एसएफसी की राज्य स्तरीय व डीएम द्वारा गठित टीमों ने की थी मामले की जांच
मामले में दो एजीएम, सहायक लेखा पदाधिकारी, आइटी मैनेजर व डोर स्टेप डिलेवरी अभिकर्ता के खिलाफ दर्ज करायी गयी थी प्राथमिकी
सीतामढ़ी दौरे पर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने दिया था आरोपितों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई का आदेश
अब तक पुलिस ने नहीं की कार्रवाई फरार चल रहे आरोपित

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