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टीएचआर में हकमारी, चयन मुक्त की अनुशंसा

टीएचआर में हकमारी, चयन मुक्त की अनुशंसा रुन्नीसैदपुर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-250 का मामला सीडीपीओ नीति कुमारी ने डीपीओ को भेजा रिपोर्ट रून्नीसैदपुर. प्रखंड की तिलकताजपुर पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-250 की सेविका जूही कुमारी का चयन मुक्त होना तय है. उस पर बच्चों के पोषाहार व प्रसूति महिलाओं के टीएचआर में हकमारी करने […]

टीएचआर में हकमारी, चयन मुक्त की अनुशंसा रुन्नीसैदपुर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-250 का मामला सीडीपीओ नीति कुमारी ने डीपीओ को भेजा रिपोर्ट रून्नीसैदपुर. प्रखंड की तिलकताजपुर पंचायत के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या-250 की सेविका जूही कुमारी का चयन मुक्त होना तय है. उस पर बच्चों के पोषाहार व प्रसूति महिलाओं के टीएचआर में हकमारी करने का आरोप है. हकमारी करने के लिए बच्चों की फरजी उपस्थिति भी दर्ज करने से परहेज नहीं की. सीडीपीओ की जांच में परत दर परत गड़बड़ी का खुलासा हो गया. सीडीपीओ नीति कुमारी ने डीपीओ को जांच रिपोर्ट भेज सेविका जूही कुमारी को चयन मुक्त करने की अनुशंसा की है. निजी दरवाजे पर केंद्र संचालित गांव के दिग्विजय सिंह की शिकायत के आलोक में गत माह सीडीपीओ ने केंद्र पर पहुंच जांच की थी. जांच के दौरान केंद्र पर मात्र 15 बच्चे मौजूद थे. सेविका के निजी दरवाजे पर केंद्र संचालित था, जबकि केंद्र के लिए अलग स्थल चयनित है. जुलाई 15 में केंद्र का सामाजिक अंकेक्षण नहीं कराने का भी आरोप है. जांच के दौरान पाया गया कि पोषाहार में पुलाव बना हुआ है, पर वह 40 बच्चों के लायक नहीं था. पंजी में फरजी लाभार्थी सीडीपीओ ने पंजी की भी जांच की. पाया कि तीन से छह वर्ष तक के स्कूल पूर्व शिक्षा पंजी में 13 बच्चों का नाम फरजी तरीके से दर्ज किया गया है. पंजी के क्रम संख्या 21, 23, 27, 29, 30, 31,32,33,34,36,37,38 व 39 पर जिन लाभार्थियों का नाम था, वह उस पोषक क्षेत्र में रहते ही नहीं हैं. सीडीपीओ अवाक तब रह गयीं, जब देखा कि पंजी में प्रतिदिन 38 से 40 बच्चों की उपस्थिति दर्शायी गयी है. खुल गयी केंद्र संचालन की पोल जांच के दौरान यह सामने आया कि सूरज कुमार अपने मामा के यहां था, पर उसकी उपस्थिति उक्त केंद्र पर पंजी में दर्ज की जा रही थी. प्रस्तुति चंचला देवी व अंशु देवी के परिजन ने सीडीपीओ को बताया कि नवंबर में टीएचआर नहीं मिला था. सरस्वती कुमारी नामक कुपोषित बच्ची को सितंबर में टीएचआर नहीं मिला, पर पंजी पर उसका फर्जी हस्ताक्षर कर दिया गया. इसी तरह कुपोषित बच्चा कर्मवीर कुमार के परिजन ने मात्र दो बार ही टीएचआर मिलने की बात कही. मुन्ना कुमार व शाहिल कुमार जमशेदपुर व दिल्ली में रहता है, लेकिन पंजी पर उक्त दोनों बच्चों का भी फरजी हस्ताक्षर पाया गया. जांच के बाद आरोपों को सीडीपीओ ने गंभीरता से लिया और सेविका को चयन मुक्त करने के लिए सीधे डीपीओ को रिपोर्ट कर दिया.

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