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सड़क नर्मिाण में 3.30 लाख का गबन

सड़क निर्माण में 3.30 लाख का गबन दो अभियंता, मुखिया व पंचायत सचिव पर प्राथमिकी की अनुशंसा सरकार ने गबन की गयी राशि की वसूली का दिया निर्देश सीतामढ़ी. सड़क निर्माण में राशि गबन के आरोप में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के सहायक अभियंता रविशंकर पाठक व कनीय अभियंता बद्री प्रसाद मंडल समेत मुखिया एवं […]

सड़क निर्माण में 3.30 लाख का गबन दो अभियंता, मुखिया व पंचायत सचिव पर प्राथमिकी की अनुशंसा सरकार ने गबन की गयी राशि की वसूली का दिया निर्देश सीतामढ़ी. सड़क निर्माण में राशि गबन के आरोप में स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के सहायक अभियंता रविशंकर पाठक व कनीय अभियंता बद्री प्रसाद मंडल समेत मुखिया एवं पंचायत सचिव पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. उक्त मामले को ले पटना से आयी जांच की टीम ने 3.30 लाख रुपये की राशि गबन का खुलासा किया है. जेइ व मुखिया मुख्य आरोपित राज्य गुणवत्ता अनुश्रवक भूपेंद्र कुमार सिंह व रामेश्वर प्रसाद ने संयुक्त रूप से एक सड़क के निर्माण की स्थलीय व कागजी जांच की थी. जांच में तीन लाख 29 हजार 984 रुपये के अनियमितता का मामला उजागर हुआ है. टीम ने उक्त सरकारी राशि की लूट में कनीय अभियंता श्री मंडल व मुखिया कुमारी देवी की मुख्य भूमिका होने की बात कही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस लूट में सहायक अभियंता रविशंकर पाठक व पंचायत सचिव पूर्णेंदु नारायण सिंह सहायक बने थे. प्राथमिकी व वसूली होगी सरकार ने उक्त चारों के खिलाफ सरकारी राशि की गबन की बाबत पीडीआर एक्ट के तहत राशि की वसूली एवं आइपीसी की सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराने को कहा है. टीम की रिपोर्ट पर ग्रामीण विकास विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी शंभु कुमार ने डीएम को पत्र भेजा है. कनीय अभियंता व मुखिया से 132992-132992 रुपये एवं सहायक अभियंता व पंचायत सचिव से 32-32 हजार रुपये की वसूली करने की अनुशंसा की गयी है. क्या है पूरा मामला सुप्पी प्रखंड की घरवाड़ा पंचायत की पंचायत समिति सदस्य नीतू राणा ने सरकार को पंचायत में कराये गये विभिन्न योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत की थी. पटना से आयी टीम ने रामबाबू सिंह के खेत से राजदेव झा के खेत तक सड़क में मिट्टी भराई, ईंट सोलिंग व पीसीसी कार्य की जांच की थी. तीनों कार्यों के लिए दो योजना बनायी गयी थी. दोनों योजना की लंबाई 650 फीट थी. अभिकर्ता पंचायत सचिव थे. मापी पुस्त में कनीय अभियंता ने चार लाख 95 हजार 500 रुपये का काम होने का उल्लेख किया था. मापीपुस्त को मुखिया व सचिव ने पारित किया था. यह लिखा गया था कि योजना पूर्ण हो गया है. मापी पुस्त को सहायक अभियंता द्वारा सत्यापित नहीं किया गया था. इसे जांच टीम ने प्रथम दृष्टया अनियमितता माना था. खास बात यह कि मापी पुस्त सक्षम पदाधिकारी द्वार निर्गत नहीं था. काम के शुरू, मध्य व अंत का फोटो नहीं पाया गया. मापी पुस्त अनुसार काम नहीं जांच में पाया गया कि प्राक्कलन व मापी पुस्त के अनुसार स्थल पर कार्य नहीं कराया गया है. सात मद में काम कराया गया था. प्रथम मद में 200 फीट पुराना ईंट सोलिंग उखाड़ने का प्रावधान था, जबकि 285 फीट की ईंट उखाड़ ली गयी. मापी पुस्त में 330 फीट गुणा 12 फीट गुणा 1 फीट नौ इंच मिट्टी भराइ अंकित था, जबकि स्थल पर 285 फीट गुणा 10 इंच गुणा छह इंच मिट्टी भराइ पायी गयी. ड्रेसिंग का काम 330 फीट गुणा 12 फीट में करना था, जबकि किया गया 285 फीट गुणा 10 फीट. ईंट का प्लैट सोलिंग 330 फीट मापी पुस्त में अंकित थी, जबकि धरातल पर 285 फीट पाया गया. दोनों योजनाओं की लंबाइ मापी पुस्त में 650 फीट था, जबकि धरातल पर 635 फीट ही पाया गया. लोकल बालू से पीसीसीजांच टीम ने पाया कि प्राक्कलन में सोन बालू स्वीकृत है, जबकि लोकल बालू से ही सड़क की ढलाई कर दी गयी. पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं देने के कारण सड़क जगह-जगह क्रेक कर गया.

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