प्रतिनिधि, छपरा. बुधवार को जिला अतिथिगृह सभागार में वर्ल्ड फूड प्रोग्राम की सीनियर प्रोग्राम एसोसिएट, वृंदा किराडू ने जिला आपूर्ति विभाग के पदाधिकारियों को फोर्टिफाइड चावल के बारे में एक प्रशिक्षण कार्यशाला दी. इस कार्यशाला में सारण प्रमंडल के तीनों जिलों के जिला आपूर्ति पदाधिकारी, सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी, और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी शामिल हुए. यह कार्यशाला विशेष रूप से जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं और सामुदायिक स्तर पर फोर्टिफाइड चावल के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की गयी थी. प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में पांच अप्रैल तक जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं को इस चावल के बारे में प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके बाद, छह से 10 अप्रैल तक सामुदायिक स्तर पर बैठकों का आयोजन किया जायेगा, जिसमें लोगों को फोर्टिफाइड चावल के फायदे के बारे में जानकारी दी जायेगी.
क्या है फोर्टिफाइड चावल
फोर्टिफाइड चावल, साधारण चावल जैसा ही होता है, लेकिन इसमें पोषक तत्वों को कृत्रिम तरीके से बढ़ाया जाता है. इसमें आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-1, बी-2, जिंक और अन्य जरूरी पोषक तत्व मिलाए जाते हैं, जो शरीर के लिए आवश्यक होते हैं और खासतौर पर कुपोषण से बचने के लिए लाभकारी होते हैं.कैसे तैयार होता है यह चावल
फोर्टिफाइड राइस तीन तरह से तैयार होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है, इस चावल को पोषक तत्वों वाले लिक्विड में डुबोया जाता है. यह फोर्टिफाइड चावल बनाने का एक तरीका है. या फिर इस पर पोषक तत्वों वाला स्प्रे किया जाता है. यह तरीका उन देशों में अपनाया जाता है जहां के लोग चावल को बनाने से पहले धोते नहीं हैं. इसके अलावा सामान्य चावल को विटामिंस और मिनिरल्स वाले लिक्विड में डुबोते हैं और सुखा लेते हैं. इस तरह इस पर एक लेयर बन जाती है, जिसके कारण इसका रंग थोड़ा मटमैला हा जाता है. ऐसे तैयार हुए फोर्टिफाइड चावल को सामान्य चावल में मिला देते हैं. तीसरा तरीका यह होता है कि चावल में पोषक तत्वों वाला पाउडर मिला दिया जाता है, हालांकि इसे भी बनाने से पहले न धोने की सलाह दी जाती है. इस तरह ये शरीर में पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने का काम करते हैं.
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