सराहनीय : लोगों के समय व पैसे की हो रही बचत, राजधानी पहुंचना हुआ आसान
दिघवारा के सामने गंगा नदी पर बना अस्थायी पुल इन दिनों गंभीर रोगियों व इंटर के परीक्षार्थियों के लिए लाइफ लाइन बन गया है एवं इसी पुल के सहारे परीक्षार्थी अपने परीक्षा केंद्रों तक समय से पहुंच जा रहे हैं. वहीं, अस्पतालों तक समय पर पहुंचने से मरीजों की जान भी बच रही है. लगभग एक महीने से चचरी पुल के शुरू हो जाने से न केवल दिघवारा से पटना की दूरी कम हुई है, बल्कि लोगों को महात्मा गांधी सेतु पर अक्सर लगनेवाले जाम से भी मुक्ति मिल गयी है. वहीं, इससे लोगों को समय व पैसे की भी बचत होती है.
पीपा पुल बनने पर दूर होंगी यात्रियों की मुश्किलें : पिछले तीन साल से गंगा पर अस्थायी पुल बनाने से यात्रियों की यात्रा आसान होती आ रही हैं. अब तो यात्री हर साल बेसब्री से पुल के चालू होने का इंतजार करते हैं. इतना ही नहीं, दिघवारा के सामने गंगा नदी पर पीपा पुल के निर्माण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. सोनपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ रामानुज प्रसाद ने भी लोगों को आश्वासन दिया है कि वह विधानसभा सत्र के दरम्यान दिघवारा के सामने गंगा नदी पर पीपा पुल बनवाने की मांग मजबूती से उठायेंगे.
आम से लेकर खास लोग करते हैं इस रास्ते का उपयोग : दियारे के इस रास्ते का उपयोग आम से लेकर खास लोग लगभग छह महीनों तक करते हैं. जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी इसी रास्ते के सहारे अपने काम को करने के लिए राजधानी तक जाते हैं.
सुबह से ही मिलने लगती हैं भाड़े की गाड़ियां
दियारे के रास्ते अहले सुबह से देर रात तक गाड़ियां सरपट दौड़ लगाते दिखती हैं. प्रतिदिन इस रास्ते से सैकड़ों गाड़ियां अपने गंतव्यों की ओर जाती दिखती हैं. इतना ही नहीं, सुबह पांच बजे से ही राइपट्टी चौक से दानापुर जाने के लिए भाड़े की गाड़ियां मिलनी शुरू हो जाती हैं.
समय पर मरीजों का हो रहा इलाज
पहले पटना जाने के क्रम में गंभीर मरीजों की जान पुल के जाम में फंसने से चली जाती थी. मगर अब दियारे के रास्ते गंभीर मरीजों को घंटा भर में राजधानी के अच्छे अस्पतालों में पहुंचा दिया जाता है, जिससे रोगियों की जान बच जाती है.
किसानों को हो रहा है आर्थिक लाभ
कल तक किसानों के खेतों में उत्पादित सामान खरीदार के अभाव में बरबाद हो जाते थे. अब पुल के सहारे उन सामान को दिघवारा व छपरा के बाजारों में बेच कर किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं, जिससे सैकड़ों किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है. अकिलपुर पंचायत के विभिन्न गांवों में फूल, फल और सब्जियों की बिक्री बढ़ी है.