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कागजों में सिमटी शुद्ध पेयजल की योजना

समस्तीपुर. स्कू ल पूर्व शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना जिले में कागजों तक ही सीमित हो कर रह गयी है. आंगनबाड़ी केंद्रों में फिल्टर उपलब्ध कराने की सभी कवायदें धरातल से दूर ही है. जिले के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में आज तक फिल्टर की खरीदारी नहीं की जा […]

समस्तीपुर. स्कू ल पूर्व शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना जिले में कागजों तक ही सीमित हो कर रह गयी है. आंगनबाड़ी केंद्रों में फिल्टर उपलब्ध कराने की सभी कवायदें धरातल से दूर ही है. जिले के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में आज तक फिल्टर की खरीदारी नहीं की जा सकी है. जबकि आंगनबाड़ी केंद्रों के खातों में विभाग ने आरटीजीएस के माध्यम से राशि उपलब्ध करा दी है. फिल्टर व उबला हुआ पानी पिलाने के लिये सरकार की ओर से प्रत्येक केंद्र को 6250 रुपये की राशि उपलब्ध करा दी है. इसके बाद भी अभी तक केंद्रों पर फिल्टर की खरीदारी नहीं हो पायी है. जिससे केंद्रों पर शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चे यहां वहां के पेयजल ही पीने को विवश हैं. इस बाबत आइसीडीएस के डीपीओ अखिलेश सिंह ने बताया कि सभी परियोजनाओं को खरीदारी के लिये कहा गया है. बताते चलें कि अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्र पेयजल के लिये दूसरे स्थानों के चापाकलों पर ही निर्भर रहते हंै. ऐसे में पेयजल की अशुद्धता की संभावना हमेशा बनी रहती है. जिससे बचाव के लिये पानी को उबाल कर इसे फिल्टर से शुद्ध कर के उपलब्ध कराने को कहा गया था. वहीं इस बाबत कई सेविकाओं ने कहा कि इतनी राशि में फि ल्टर बाजार में उपलब्ध नहीं है. साथ ही इसके रख रखाव के लिये भी यह राशि पर्याप्त नहीं है. अभी सहायिकाएं आसपास के चापाकलोंे से पेयजल लाकर बच्चों को पीने के लिये उपलब्ध कराती है. ऐसे में योजना को लाने का कोई फलाफल बच्चों को नसीब नहीं हो रहा है.

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