पूसा. समय समय पर प्रशिक्षण के माध्यम से वैज्ञानिकों का ज्ञान वर्द्धन जरूरी है. इससे नये नये तकनीक किसानों तक पहुंचाने के साथ फसल को बेहतर बनाने का अवसर मिलेगा. किसानों को प्रभेदवार तकनीक से अवगत कराना हम वैज्ञानिकों का कर्तव्य बनता है. निश्चित रूप से आइटीसीए सिस्टम टूल्स इस युग के कृषि क्षेत्र के लिए नया आयाम सिद्ध होगा. उक्त बातें राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के संचार केंद्र में चल रहे दो दिवसीय आइटीसीए के उपयोग विषय पर प्रशिक्षण के समापन अवसर पर अधिष्ठाता कृषि डॉ एसके वार्षणेय ने कहा. इससे पूर्व संचालन व स्वागत भाषण देते हुए सूचना पदाधिकारी डॉ दिव्यांशु शेखर ने कहा कि सोशल मीडिया से संपूर्ण विश्व सहित पूरे कृषि व्यवस्था जुड़ा हुआ है. इसे बेहतर बनाना हम वैज्ञानिकों की जिम्मेवारी है. प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ जेपी उपाध्याय ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में वैज्ञानिकों के साथ-साथ किसानों को हाइटेक होना पड़ेगा. प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान को किसानों तक लें जायें. मौके पर प्रसार शिक्षा के सह निदेशक डॉ एके सिंह, चेयरमैन एके चौधरी आदि थे.
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वैज्ञानिकों का ज्ञानवर्द्धन जरूरी : डॉ वार्षनेय
पूसा. समय समय पर प्रशिक्षण के माध्यम से वैज्ञानिकों का ज्ञान वर्द्धन जरूरी है. इससे नये नये तकनीक किसानों तक पहुंचाने के साथ फसल को बेहतर बनाने का अवसर मिलेगा. किसानों को प्रभेदवार तकनीक से अवगत कराना हम वैज्ञानिकों का कर्तव्य बनता है. निश्चित रूप से आइटीसीए सिस्टम टूल्स इस युग के कृषि क्षेत्र के […]
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