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ठंड बहुत छैय, कैना क जिबे !

ठंड बहुत छैय, कैना क जिबे ! रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के बाद पीड़ितों ने खुले आसमान के तले ठंड में गुजारी रातप्रतिनिधि, सिमरी नगर रविवार को रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद ठंड में हुई इस तरह की कार्रवाई की चहुंओर निंदा जारी है. वहीं रविवार रात्रि अतिक्रमण अभियान में जेसीबी मशीन द्वारा […]

ठंड बहुत छैय, कैना क जिबे ! रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाने के बाद पीड़ितों ने खुले आसमान के तले ठंड में गुजारी रातप्रतिनिधि, सिमरी नगर रविवार को रेलवे द्वारा अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद ठंड में हुई इस तरह की कार्रवाई की चहुंओर निंदा जारी है. वहीं रविवार रात्रि अतिक्रमण अभियान में जेसीबी मशीन द्वारा तोड़े गये घरों में लोगों ने खुले आसमान तले कंपकंपाती ठंड में रात गुजारी. रविवार की रात्रि मालगोदाम रोड स्थित रेलवे की कार्रवाई में जमींदोज हुए घरों में बैठे पीड़ितों ने जमकर रेल और लोकल प्रशासन के खिलाफ भड़ास निकाली. रेलवे की कार्रवाई का शिकार महेंद्र शर्मा की बूढ़ी मां 65 वर्षीय तारा देवी रुंधे गले से कहती हैं कि नुनू, नब्बे (1990) से ही रहे छिये, अब रोड पे आय गेलीये. ठंड बहुत छै, कैना जिबे. महेंद्र शर्मा बताते हैं कि पिछले कई सालों से अपने दो भाइयों संग रह रहे थे. रेलवे ने एक ही झटके में सब कुछ उजाड़ दिया. परिवार संग इस ठंड मे कहां जाये, समझ नहीं आ रहा. महेंद्र के मुताबिक उनके दो बच्चे हैं, जिसमें एक की इसी घर से शादी हो गयी है और दूसरा अभी पढ़ाई कर रहा है. वहीं महेंद्र के भाई शंकर शर्मा और प्रमोद शर्मा के भी परिवार का ठंड मे बुरा हाल है. शंकर शर्मा को दो लड़का और तीन लड़की व प्रमोद शर्मा की तीन लड़की और एक लड़का हैं. घर की महिला बोरसी जला बच्चों को ठंड से बचाने में रात भर लगी रहीं. वहीं स्थानीय प्रशासन से भी सहयोग ना मिलने से वह ज्यादा दुखी हैं. ज्ञात हो कि अतिक्रमण का मुद्दा बीते सप्ताह सोमवार को उस समय चर्चा में आया, जब समस्तीपुर रेल मंडल के सहायक मंडल अभियंता तरुण कुमार दास के नेत्तृत्व में रेलवे की टीम ने मालगोदाम से लेकर सरकारी पोखर तक स्थित दुकान व आवास पर नोटिस चिपका तीन दिनों के अंदर स्वेच्छा से खाली करने का निर्देश दिया. इसके बाद रेलवे ने अतिक्रमण हटाने की तारीख 18 जनवरी तय कर दी, जिसके बाद सिमरी बख्तियारपुर अनुमंडल पदाधिकारी सुमन प्रसाद के निर्देश पर अंचल अधिकारी धर्मेन्द्र पंडित को दंडाधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है. वहीं बीते शुक्रवार को जिप उपाध्यक्ष रितेश रंजन के नेतृत्व में अतिक्रमणकारी व्यापारियों ने सिमरी बख्तियारपुर स्टेशन चौक पर एक बैठक की और पैदल मार्च कर अनुमंडल पहुंच एसडीओ सुमन प्रसाद साह का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा. इधर अतिक्रमण का मामला कोर्ट पहुंच गया, जब जिप उपाध्यक्ष के पिता रामेश्वर प्रसाद रंजन ने माननीय उच्च न्यायालय पटना में एक रिट याचिका दायर कर दी. लेकिन, तमाम कोशिशों के बावजूद रविवार दोपहर बारह बजे रेलवे ने अतिक्रमण अभियान चला दिया.फोटो – ठंड 3 व 4 – कंपकंपाती ठंड में रात बिता रहे पीडि़तराजा बैठे सोफा पर, जनता अटके गेट परजिस ट्रेन में लगा था विशेष सैलून, उसमें ठसाठस भरे थे यात्रीडीआरएम के सैलून को छोड़ दरवाजे और दो डब्बों के बीच भी खड़े थे यात्रीप्रतिनिधि, सिमरी नगरजी हां, शीर्षक के मुताबिक कुछ ऐसा ही नजारा रविवार को डीआरएम आगमन पर देखने को मिला. मिली जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह 55566 समस्तीपुर – सहरसा पैसेंजर ट्रेन से डीआरएम सुधांशु शर्मा सहरसा जा रहे थे. इस दौरान उनका स्पेशल सैलून उसी ट्रेन में लगा था. जिसमें वह ऐशो आराम के साथ बैठे थे. ट्रेन जब सिमरी बख्तियारपुर पहुंची तो हर कोई ट्रेन की जबरदस्त भीड़ देख दंग रह गया. ट्रेन की इंजन से लेकर डिब्बे तक हर जगह ठसाठस यात्री भरे थे. यहां तक कि ट्रेन के हर डिब्बे की गेट पर पांच से दस यात्री लटके हुए सफर कर रहे थे. इसके अलावे यात्रियों की स्थिति इस कदर दयनीय थी कि दर्जनों की संख्या में यात्री दो डिब्बों के बीच वाले खुले लोहे पर खड़े हो यात्रा कर रहे थे. जबकि,जब यात्रियों की नजर डीआरएम के सैलून पर पड़ी तो वह यात्रियों की भीड़ से उलट चमकदार और भीड़ से परे था. शीशे के झरोखे से आराम फरमा रहे डीआरएम साहेब भी यात्रियों को दिख रहे थे. इधर सिमरी बख्तियारपुर पहुंचते ही ट्रेन में यात्रियों की संख्या कई गुणा और बढ़ गयी. कुछ बमुश्किल चढ़े और कुछ जान हथेली पर रख यात्रा करने से बेहतर यात्रा कैंसिल करना सही समझे. वही यात्रियों को जब यह मालूम चला कि ट्रेन की अंतिम बोगी मे रेलवे के उच्चस्थ बैठे हैं तो आम यात्रियों ने डीआरएम से मिलने की कोशिश की, लेकिन नहीं मिल पाये. यात्रियों ने बताया कि लोकतंत्र में अपने को राजा मान चुके डीआरएम साहेब हमसे मिलना समय की बबार्दी समझ रहे हैं. वहीं ऐसा ही नजारा रविवार की शाम डीआरएम सुधांशु शर्मा के लौट कर समस्तीपुर जाने के दौरान भी दिखा. जब भीड़ से परेशान लालो देवी से यात्रा अनुभव पूछा गया तो वह अनायास कह उठी राजा बैठे सोफा पे, जनता लटके गेट पर. एही रित छैय बाबू. वहीं इस संबंध में अप व डाउन पैसेंजर ट्रेन के यात्री आलोक कुमार, दीपक कुमार, रतन भगत, सुरेश पोद्दार, आकाश, प्रतीक आदि ने बताया कि अब्राहम लिंकन के लोकतंत्र से आज का लोकतंत्र बदल चुका है, जनता का लोकतंत्र अब राजाओं का लोकतंत्र हो गया है.फोटो – ट्रेन 5 – सहरसा-समस्तीपुर ट्रेन में लगा डीआरएम का विशेष सैलूनफोटो – ट्रेन 6 व 7 – इसी ट्रेन में यात्रियों की भीड़, दरवाजे व दो डब्बे के बीच अटकी हुई

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