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घरेलू सिलिंडरों का शहर में हो रहा है व्यावसायिक उपयोग

सहरसा नगर : जिंदगी व ऊर्जा दोनों अनमोल हैं. इसे कायम रखना हमारा दायित्व व अधिकार दोनों ही है. इसके बावजूद चंद कुपया बचाने के चक्कर में लोग कानून तोड़ने के साथ-साथ अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. स्थानीय स्तर पर घरेलू गैस सिलिंडर का धड़ल्ले से व्यावसायिक कार्यों में उपयोग होता है. शादी-विवाह […]

सहरसा नगर : जिंदगी व ऊर्जा दोनों अनमोल हैं. इसे कायम रखना हमारा दायित्व व अधिकार दोनों ही है. इसके बावजूद चंद कुपया बचाने के चक्कर में लोग कानून तोड़ने के साथ-साथ अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं.
स्थानीय स्तर पर घरेलू गैस सिलिंडर का धड़ल्ले से व्यावसायिक कार्यों में उपयोग होता है. शादी-विवाह समारोह में भी लोग घरेलू गैस की ही खपत कर रहे हैं, दूसरी तरफ शहर के होटलों में भी अनुदानित दर पर उपलब्ध ऊर्जा का प्रयोग किया जा रहा है. ज्ञात हो कि घरेलू गैस का व्यावसायिक उपयोग ही किल्ल्त की बड़ी वजह बन कर सामने आ रही है.
गाड़ियों में भी हो रहा उपयोग: एलपीजी गैस के दुरुपयोग के मामले में वाहनों की तादाद भी काफी बढ़ गयी है. इन वाहनों में पेट्रोल व डीजल के वैकल्पिक रुप में गैस सिलेंडर का उपयोग किया जाता है.
ज्ञात हो कि 14 लीटर के वजन वाली सिलेंडर पर वाहन चालक लगभग तीन सौ किमी की दूरी आसानी से तय कर लेते हैं. दुर्घटना की संभावना से भरी होने के बाद भी लोग इस ईंधन पर यात्रा करने से बाज नहीं आते हैं.
रीफिलिंग का होता है खेल : गांव हो या शहर हर जगह पांच लीटर के छोटे गैस सिलेंडर में रीफिलिंग का धंधा खूब फल-फूल रहा है. बड़े से छोटे सिलिंडरों में गैस रिफील करते समय कई बार बड़ी घटना हो चुकी है. लेकिन न तो जनता और न ही व्यवसायी इस धंधे से तोबा करते हैं. जबकि पेट्रोलियम मंत्रालय स्वयं पांच लीटर वजन वाले सिलेंडर बिक्री के लिए उतारती है.
गोरखधंधे में होटल आगे
भारत सरकार द्वारा सब्सिडी रेट पर उपलब्ध कराये जाने वाले घरेलू गैस का उपयोग शहर के होटलों में किया जाता है, जहां व्यावसायिक सिलिंडर उपयोग करने की अनुमति है. ज्ञात हो कि घर में उपयोग के लिए आपूर्ति किये जाने वाले लाल रंग की सिलिंडर की कीमत नीले रंग की व्यावसायिक सिलिंडर से अपेक्षाकृत काफी कम रहती है. सामान्य से थोड़े पैसे अधिक देकर उन्हें सब्सिडी वाले सिलिंडर मिल जाते हैं. लिहाजा होटल संचालक जम कर फायदा उठा रहे हैं.
दुर्घटना की रहती है आशंका
होटल या शादी समारोह के उपयोग में लाये जाने वाली भट्ठी (चुल्हा) की बनावट व्यवसायिक सिलेंडर के अनुरूप होती है. लेकिन उसका उपयोग घरेलू सिलेंडर में करने से सिलेंडर से पाइप में प्रवाहित गैस का दबाव ज्यादा रहता है. जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है.
इसके अलावा वाहनों के इंजन व वायरिंग पूर्णरूपेण पेट्रो तकनीक पर आधारित रहती है. जिसे गैस किट के सहारे संचालित करने पर वाहन के बाह्य व आंतरिक दोनों वातावरण गर्म हो जाता है. जिससे चलती गाड़ी में कभी भी आग लग जाती है.

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