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72 घंटे के अंदर जांच घर लगा लें शुल्क बोर्ड
सहरसा : स्वास्थ्य से संबंधित सभी जांच घर 72 घंटे में चार्ट से संबंधित बोर्ड लगवा लें. खास कर पैथोलॉजी, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड करने वालों से आग्रह है कि उनके यहां होनेवाले सभी तरह की जांच और उसके लिए निर्धारित शुल्क की सूची यथाशीघ्र टंगवा लें. निजी डॉक्टरों से भी आग्रह है कि वे भी […]
सहरसा : स्वास्थ्य से संबंधित सभी जांच घर 72 घंटे में चार्ट से संबंधित बोर्ड लगवा लें. खास कर पैथोलॉजी, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड करने वालों से आग्रह है कि उनके यहां होनेवाले सभी तरह की जांच और उसके लिए निर्धारित शुल्क की सूची यथाशीघ्र टंगवा लें.
निजी डॉक्टरों से भी आग्रह है कि वे भी अपने क्लिनिकों में अपनी फीस और उपलब्ध सुविधाओं का शुल्क बोर्ड पर अंकित करवा सार्वजनिक रूप से लगवा दें. साथ ही मरीजों को पक्की रसीद भी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें. सोमवार की शाम सिविल सजर्न कार्यालय में स्थानीय सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे.
सांसद ने कहा कि उन्होंने पूर्व में भी आग्रह किया था कि एमडी व एमएस को दो सौ और एमबीबीएस डेढ़ सौ रुपये फीस लें. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किया गया यह आग्रह ऐसे डॉक्टरों के लिए नहीं है, जो बहुत अधिक अनुभवी हैं या 25-30 वर्षो से अपनी सेवा देते आ रहे हैं.
ऐसे डॉक्टर अपनी फीस तीन सौ रुपये भी कर सकते हैं. लेकिन अन्य सभी उनके द्वारा किये गये आग्रह का पालन करना सुनिश्चित करें. सांसद ने कहा कि यदि जांच घर 72 घंटे के अंदर बोर्ड नहीं लगाते हैं, तो संविधान के दायरे के अंदर उन्हें बंद कराने की कार्रवाई की जायेगी.
बिहार में कहीं नहीं तो सहरसा में कैसे होगा रजिस्ट्रेशन : सीएस
सीएस डॉ भोलानाथ झा ने कहा कि एक भी पैथोलॉजी शहर में रजिस्टर्ड नहीं है. पूरे बिहार की स्थिति ऐसी है, तो मैं क्या कर सकता हूं. पैथोलॉजी व निजी नर्सिग होम के रजिस्टर्ड होने की प्रक्रिया की बाबत उन्होंने कहा कि पेपर में विज्ञापन दिया गया है. एक या दो आवेदन भी आये हैं. जिसकी समिति द्वारा जांच की जायेगी. नर्सिग होम को 15 दिनों में ऑनलाइन फॉर्म रजिस्टर्ड करने को कहा गया है.
इसके अलावा सांसद द्वारा किये गये निर्देश के आलोक में सभी चिकित्सक, पैथोलॉजी, एक्सरे व अल्ट्रासाउंड क्लिनिक से अनुरोध किया गया है कि ली जाने वाली शुल्क का प्रदर्शन करें. साथ ही उसकी प्राप्ति रसीद भी मरीज के अभिभावक को देना सुनिश्चित करें. ताकि आम जनता को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो.
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