व्यवस्था. नगर पर्षद शहर में लगायेगी यूनिक नंबर प्लेट
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मकानों को मिलेगी नयी पहचान
व्यवस्था. नगर पर्षद शहर में लगायेगी यूनिक नंबर प्लेट सासाराम व डेहरी शहर के होल्डिंग व प्रॉपर्टी का होगा अपना आइडी नंबर सासाराम कार्यालय : सासाराम व डेहरी नगर पर्षद के अंतर्गत आने वाले मकानों व प्रोपर्टी की पहचान अब स्पेशल यूनिक नंबर से होगी. शहर के एक-एक मकान व प्रोपर्टी का सर्वे होगा. प्रत्येक […]
सासाराम व डेहरी शहर के होल्डिंग व प्रॉपर्टी का होगा अपना आइडी नंबर
सासाराम कार्यालय : सासाराम व डेहरी नगर पर्षद के अंतर्गत आने वाले मकानों व प्रोपर्टी की पहचान अब स्पेशल यूनिक नंबर से होगी. शहर के एक-एक मकान व प्रोपर्टी का सर्वे होगा. प्रत्येक मकान व प्रोपर्टी पर एक यूनिक आइडी नंबर प्लेट लगायी जायेगी़ जो उसकी पहचान करेगा. इस सर्वे से नगर पर्षद व शहरवासियों दोनों को लाभ होगा. इसके बाद नगर पर्षद का होल्डिंग टैक्स के मद में राजस्व करीब तीन गुणा बढ़ जायेगा. वहीं,
कई मकानवालों का सर्वे के बाद टैक्स कम भी हो सकता है. सर्वे का शुभारंभ शहर के वार्ड नंबर 31 से होगा. इस वर्ष के अंत तक सर्वे का कार्य पूरा होगा. तीन साल तक कंपनी डाटा बेस पर काम करेगी. इसके बाद नगर पर्षद के कर्मचारी उस डाटा बेस के आधार पर काम करेंगे.
स्पर के माध्यम से अनंथ टेक्नोलॉजी लिमिटेड करेगी दोनों शहरों का सर्वे
वार्डों का बनेगा नक्शा
शहर के प्रत्येक वार्ड का सेटेलाइट के माध्यम से नक्शा बनेगा. कंपनी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एम नवीन कुमार ने बताया कि सासाराम शहर में वार्ड 31 से सर्वे का कार्य शुरू होगा. इसके बाद प्रत्येक वार्ड का सर्वे कर, उनका नक्शा तैयार किया जायेगा. इससे भविष्य में जमीन को लेकर कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने बताया कि कोई मकान सर्वे के दौरान दो मंजिला है और इसके एक वर्ष बाद तीसरी मंजिल का निर्माण हुआ, तो इसकी जानकारी नप कर्मियों को कार्यालय में कंप्यूटर के माध्यम से चल जायेगा. उसका तत्काल टैक्स निर्धारण कर वसूली शुरू की जा सकेगी.
नगर पर्षद में सेटेलाइट नक्शा देखते इओ व कंपनी के अधिकारी.
आम लोगों को भी लाभ
शहर के मकानों व जमीनों का यूनिक नंबर होने के बाद नप को राजस्व में भारी इजाफा होगा. वहीं, लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा. कमर्शियल, रिहायशी, खाली जमीन आदि का आकलन कर टैक्स का निर्धारण होगा. लोग कही से किसी भी माध्यम से अपना टैक्स जमा कर सकते हैं. नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने बताया कि इससे नप की टैक्स चोरी में कमी आयेगी. भूमि विवाद पर भी बहुत हद तक अंकुश लगेगा. जल्द ही इसका शुभारंभ कराया जायेगा.
मापी जायेगी एक-एक इंच जमीन
हैदराबाद की कंपनी अनंथ टेक्नोलॉजी लिमिटेड दोनों शहरों की एक-एक इंच जमीन को मापेगी. इसके लिए कंपनी सेटेलाइट नक्शे का सहारा लेगी. कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर एसएल भांगे ने बताया कि सेटेलाइट नक्शे के माध्यम से शहर के एक-एक मकान व जमीन की मापी कर उसके वास्तविक टैक्स का आकलन किया जायेगा. नगर पर्षद की एक-एक जमीन को अलग कर उसका भी नंबर दिया जायेगा. खाली जमीन की भी मापी कर उसे नंबर दिया जायेगा.
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