Vehicle in Bihar: पटना. बिहार में 15 वर्षों से ज्यादा पूरानी गाड़ी के मालिकों के लिए राहत भरी खबर है. ऐसे वाहन मालिकों को अब गाड़ी बदलने की जरुरत नहीं है. अब 15 साल पुरानी गाड़ियां सड़क पर चलती रहेंगी. बस उन गाड़ियों का दोबारा रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इस संबंध में पूर्णिया जिला परिवहन पदाधिकारी शंकर शरण ओमी ने बताया कि बिहार सरकार पुराने वाहनों की विशेष जांच कर रही है, ताकि बिना रजिस्ट्रेशन के चलने वाली गाड़ियों पर लगाम लगाई जा सके. इस पहल से न केवल चालान से बचा जा सकेगा, बल्कि पुरानी गाड़ियां भी वैध तरीके से सड़कों पर दौड़ सकेंगी.
चलती रहेंगी पुरानी गाड़ियां
रजिस्ट्रेशन की वैधता को लेकर उन्होंने कहा कि प्राइवेट वाहन के लिए 15 साल बाद दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने पर 5 साल की वैधता मिलेगी. वहीं कमर्शियल वाहन को एक साल की वैधता दी जाएगी. इसके बाद भी गाड़ी अगर रोडवर्थी पायी जायेगी तो हर 5 साल या 1 साल बाद रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कराया जा सकता है. पूर्णिया जिला परिवहन पदाधिकारी के अनुसार, 15 साल पुरानी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रक्रिया तय की जा चुकी है. संबंधित मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर गाड़ी की फिटनेस और क्षमता की जांच करेगा. गाड़ी को रोडवर्थी पाए जाने पर ही रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी जाएगी.
इन दस्तावेजों की होगी जरुरत
उन्होंने कहा कि गाड़ी मालिक को अपडेटेड ऑनर स्मार्ट बुक कार्ड, आधार कार्ड, वैध इंश्योरेंस सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट, रोड टैक्स की पेमेंट का सबूत, पैन कार्ड या फॉर्म 60/61 फॉर्म 25 के साथ आवेदन करना होगा. जिला परिवहन पदाधिकारी ने कहा कि वाहन मालिक parivahan.gov.in पर ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग कर सकते हैं. सीधे जिला परिवहन कार्यालय में दस्तावेज जमा कर सकते हैं.
कितना देना होगा शुल्क
रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल के लिए सरकारी शुल्क और टैक्स का भुगतान करना होगा. टू-व्हीलर के लिए 360 रुपये, कार के लिए 600 रुपये तथा स्मार्ट कार्ड के लिए अतिरिक्त 200 रुपये देने होंगे. कमर्शियल वाहनों के लिए शुल्क अलग हो सकता है, जो फिटनेस सर्टिफिकेट और टैक्स पर निर्भर करता है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद नया रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट डाक के माध्यम से रजिस्टर्ड पते पर भेजा जाएगा. इसमें आमतौर पर 1-2 हफ्ते का समय लग सकता है.