संवाददाता, पटना : महाराष्ट्र के पुणे के स्क्रैप काराेबारी लक्ष्मण साधु शिंदे को 11 अप्रैल को अगवा कर हत्या करने में शामिल गिरोह के चार सदस्य विजय कुमार, अमन कुमार, सिंटू व मंगल फिलहाल फरार हैं. ये चारों नालंदा जिले की अलग-अलग जगहों के रहने वाले हैं. पुलिस ने इन चारों को पकड़ने के लिए छापेमारी की, लेकिन सभी अपने-अपने घर से फरार थे. अगर ये चारों जल्द सरेंडर नहीं करते हैं, तो इनकी संपत्ति की पुलिस कुर्की-जब्ती करेगी. इसके लिए पुलिस जल्द ही वारंट के लिए कोर्ट में आवेदन देगी. ये चारों रंजीत पटेल, लालबिहारी, विकास कुमार, सुमित कुमार, संगीता कुमारी उर्फ छाेटी, कुंदन कुमार, विपातरा कुमार और सचिन रंजन की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही बिहार छोड़ कर फरार हो गये. इन चारों के नामों की जानकारी रंजीत पटेल ने पुलिस को दी है. रंजीत को पुलिस ने दो दिनों के रिमांड पर लिया था और जेल भेज दिया गया है.
चार निर्दोष को पुलिस ने पीआर बांड भरवा कर छोड़ा
इस मामले में पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में लिया था. ये सभी नालंदा व नवादा जिले के रहने वाले हैं. इन चारों के ही खातों में बदमाशों ने जबरन वसूली की रकम को डाला था और फिर निकाल लिया था. ये चारों लोग जांच के दौरान गरीब तबके के निकले. इन लोगों ने पुलिस को बताया कि रंजीत पटेल ने उनसे कागजात लेकर खाता खुलवाया था और फिर उसे अपडेट करने के नाम पर पासबुक और एटीएम कार्ड ले लिया था. पुलिस ने जांच की, तो बात सही निकली. पुलिस को समझ में आ गया कि इन लोगों के खातों का इस्तेमाल बदमाशों ने इन्हें दो-तीन हजार रुपये देकर किया है. इसके बाद सभी को पीआर बांड पर छोड़ दिया गया.हिलसा में बना रखा था सेंटर
इस गिरोह ने अब तक जिन लोगों को पटना बुला कर जबरन पैसा लिया, उन सभी को हिलसा ले जाया गया. एक तरह से हिलसा को इन लोगों ने पैसा वसूली के लिए सेंटर बना रखा था. खास बात यह है कि सभी कारोबारियों को ये लोग शाम या रात में ही आने को कहते थे और उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए गाड़ी उपलब्ध कराने की भी जानकारी देते थे. इतनी व्यवस्था देख कर कारोबारी इन लोगों के झांसे में आ जाते थे और फिर उन्हें हिलसा ले जाकर उनसे जबरन पैसे की वसूली कर लेते थे. पुलिस के पास यह जानकारी सामने आ चुकी है कि यह गिरोह वर्ष 2025 में जनवरी, फरवरी व मार्च के दौरान सात कारोबारियों से 1.60 करोड़ की वसूली की है. पुलिस गिरफ्तार सभी बदमाशों के खाताें के साथ ही संपत्ति की जानकारी जुटा रही है, ताकि अपराध से अर्जित संपत्ति को जब्त की जा सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है