Patna Book Fair: गांधी मैदान में आयोजित पटना पुस्तक मेले में शुक्रवार को कवि सम्मेलन कार्यक्रम सबसे बड़ा आकर्षण रहा. साहित्य युवा अकादमी से पुरस्कृत कवि नीलोत्पल मृणाल (Nilotpal Mrinal) और चर्चित लेखक दिव्य प्रकाश दुबे (Divya Prakash Dubey) मेले में पहुंचे, जहां वे अपने-अपने स्टॉल पर पाठकों से संवाद करते नजर आये. पाठकों ने उनकी किताबें खरीदीं, ऑटोग्राफ लिए और तस्वीरें खिंचवाईं. इस अवसर पर नीलोत्पल मृणाल की नयी किताब ‘विश्वगुरु’ के कवर का लोकार्पण किया गया. वहीं, कवि सम्मेलन मंच पर युवाओं में खासे लोकप्रिय नीलोत्पल मृणाल की मौजूदगी ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा. मंच पर उनके साथ कवि कुमार रजत, कवयित्री रजनी और अनमोल उपस्थित थीं.
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कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री रजनी की सरस्वती वंदना से हुई. इसके बाद कवयित्री अनमोल ने बेटियों के पक्ष में सशक्त कविता पढ़ी, जिस पर दर्शक दीर्घा में मौजूद युवतियां खड़े होकर तालियां बजाने लगीं. कुमार रजत के शेरों ने महफिल में वाह-वाह लूटी, वहीं नीलोत्पल मृणाल ने गीत और कविताओं के जरिए श्रोताओं को बचपन की यादों में लौटा दिया.
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मन के अंतर्मन और जिजीविषा की कहानी है ‘अंतर्यात्रा’
भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं लेखक व्यास मिश्र के उपन्यास ‘अंतर्यात्रा’ का लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर प्रो तरुण कुमार ने कहा कि यह उपन्यास बाहर से भीतर और भीतर से बाहर की यात्रा है, जो सामाजिक न्याय, शिक्षा और प्रेम जैसे विषयों को संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत करता है. वरिष्ठ कथाकार संतोष दीक्षित और ऋषिकेश सुलभ ने इसे समय के द्वंद्वों का सशक्त दस्तावेज बताया. लेखक व्यास मिश्र ने कहा कि उपन्यास में अंततः सत्य और मानवीय मूल्यों की विजय होती है. इसके अलावे जाहिद खान द्वारा संपादित ‘बलराजसाहनी: एक समर्पित और सृजनात्मक जीवन’ पुस्तक का लोकार्पण का भी हुआ.
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पुस्तक ‘लालपहाड़ी: स्त्री महाविहार’ का हुआ लोकार्पण
कश्यप मंच पर रमाकांत चंदन की पुस्तक ‘लालपहाड़ी: स्त्री महाविहार’ का लोकार्पण हुआ. लेखक रमाकांत चंदन ने कहा कि यह स्थल बिहार की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक विरासत का महत्वपूर्ण अध्याय है, जहां स्त्री भिक्षुणियों की संगठित उपस्थिति के प्रमाण मिलते हैं. वहीं, पटना संग्रहालय के पूर्व उप निदेशक अरविंद महाजन ने कहा कि यह पुस्तक इतिहासकारों द्वारा उपेक्षित लखीसराय स्थित लाल पहाड़ी को नई दृष्टि देती है. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो संतोष कुमार ने की. संचालन कवि चंद्रबिंद ने किया.
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फिल्म पीआर क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान
मेले में मशहूर किस्सागो विमलेन्दु ने कहानी सत्र में श्रोताओं को बांधे रखा. अन्य कार्यक्रमों में स्वास्थ्य संवाद, नुक्कड़ नाटक महोत्सव, हमारे हीरो और सिनेमा उनेमा जैसे सत्र भी आयोजित हुए, जिनमें बड़ी संख्या में दर्शकों की भागीदारी रही. सिनेमा उनेमा कार्यक्रम में निर्देशक रंजन कुमार सिंह के हाथों भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री के पीआरओ राजीव रंजन कुमार उर्फ रंजन सिन्हा को फिल्म पीआर क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया. यह सम्मान रंजन सिन्हा के दो दशक से अधिक के धैर्य, समर्पण और लगन की भी पहचान है. पिछले 21 वर्षों में रंजन सिन्हा ने 900 से ज्यादा फिल्मों और पांच हजार से अधिक गानों का प्रचार किया है.
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