30.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

सेवा व अटूट समर्पण की मिसाल

कोई मरीज को खून देकर जान बचा रहा है तो कोई अपने टिफिन से मरीजों व उनके परिजनों का पेट भर रहा है.

नर्स दिवस पर विशेष

संवाददाता, पटनाकोई मरीज को खून देकर जान बचा रहा है तो कोई अपने टिफिन से मरीजों व उनके परिजनों का पेट भर रहा है. जरूरतमंद व लावारिस मरीजों को कपड़े भी दे रहे हैं. हम बात कर रहे हैं नर्सों की. जो दिन रात मरीजों की सेवा कर रहे हैं. थकान व सिकन को चेहरे पर नहीं आने देतें. सभी मरीज-परिजन हंसकर बात करते हैं. उनकी परेशानियों को तस्सली से सुनकर दूर करने की कोशिश कर रही हैं. सोमवार यानी 12 मई को नर्स दिवस है. ऐसे में हम आपको ऐसे महिला व पुरुष नर्सों से रू-ब-रू करा रहे हैं, जो मानवता के लिए मिसाल हैं. पेश है रिपोर्ट….

खून देकर जोड़ रही मानवता का रिश्ता

पूनम कुमारी पीएमसीएच में मेडिकल इमरजेंसी की इंचार्ज नर्स के पद पर कार्य कर रही हैं. वह बताती हैं कि सेवा व समर्पण की भावना को देखते हुए उन्होंने नर्सिंग सेक्टर को चुना. गंभीर मरीजों का बेहतर इलाज हो सके इसलिए उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी करना प्राथमिकता समझी. खास बात यह है कि इमरजेंसी में कई बार गंभीर मरीजों को खून नहीं मिल पाता है. मरीजों की मजबूरी को देखते हुए वह खुद रक्तदान करती हैं. पूनम कहती हैं कि अस्पताल में आने के बाद मरीजों से हमारा दिल का रिश्ता हो जाता है. उनकी जान बचाना प्राथमिकता होती है. वे बताती हैं कि हाल के दिनों में एक किडनी के मरीज को भर्ती किया गया. खून की जरूरत थी. मरीज को खून देने वाला कोई नहीं था. उनसे रहा नहीं गया और वह उस मरीज को अपना रक्तदान किया. अब मरीज ठीक है.

इलाज के साथ मरीजों का करते हैं मदद

ताराचंद अटल पीएमसीएच के ट्रॉमा एवं हड्डी विभाग रोग विभाग में बतौर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. इलाज के साथ-साथ वह मरीज व परिजनों की भी मदद कर रहे हैं. दूर-दराज से ठहरे परिजनों का पेट अपने टिफिन से भर रहे हैं. अटल कहते हैं कि पीएमसीएच में बहुत गरीब मरीज आते हैं. जिनके पास भोजन तक के पैसे नहीं होते हैं. इसके लिए वह एक्सट्रा टिफिन लेकर आते हैं, जहां जरूरतमंद को खुद का खाना देते हैं. इतना ही नहीं, हाल के दिनों में पीएमसीएच ड्यूटी आने के दौरान गंगा पथ पर दो वाहनों की टक्कर होने के बाद सड़क पर घायलों को प्राथमिक ट्रीटमेंट व सीपीआर देकर तुरंत एंबुलेंस बुलाये और ट्रामा वार्ड में भर्ती कराया. खास बात यह है कि सभी चारों मरीज ठीक हो गये. सामाजिक क्षेत्र में बेहतर कार्य को लेकर उनको अस्पताल प्रशासन की ओर से अवार्ड दे देकर सम्मानित किया गया.

मरीजों की सेवा में नहीं छोड़ते कोई कसर

आइजीआइएमएस में नर्सिंग ऑफिसर शिवशंकर शर्मा कैंसर विभाग में ड्यूटी कर रहे हैं. मरीजों को ऑपरेशन में मदद से लेकर उन्हें बेड तक पहुंचाने की जिम्मेदारी निभा रहे शिवशंकर ने कहा कि उनके चाचा गोपालचंद्र शर्मा को मुंह का कैंसर और बेस्ट फ्रेंड की मां को कैंसर हो गया. खुद के रिश्तेदारों के घर में कैंसर होता देख वह आइजीआइएमएस के कैंसर रोग विभाग में ड्यूटी करने की इच्छा जाहिर की. बीते ढाई साल से वह अपनी सेवा दे रहे हैं. गंभीर कैंसर रोगियों का बेहतर कीमोथेरेपी करने और कई थर्ड स्टेज के मरीजों की बीमारी ठीक होने के बाद संस्थान प्रशासन की ओर से प्रशस्ति पत्र देकर अवार्ड से सम्मानित किया गया. इतना ही नहीं शिवशंकर कश्मीर में पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान से लड़ाई को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्यूट कर खुद सेना के जवानों की इलाज संबंधित मदद के लिए ड्यूटी लगाने की मांग की है.

मरीज को मुंह से ऑक्सीजन दे बचायी जान

आइजीआइएमएस की नर्सिंग सुपरिटेंडेंट शशि प्रभा सिन्हा 34 साल से नर्सिंग क्षेत्र में सेवा दे रही हैं, जबकि आइजीआइएमएस में 31 साल हो गये. गंभीर मरीजों को संस्थान में भर्ती कराने में मदद से लेकर तन मन से सेवा करने के लिए 2022 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के हाथों उन्हें अवार्ड देकर सम्मानित किया जा चुका है. प्रभा ने बताया कि अब तक उनको संस्थान प्रशासन के द्वारा करीब 12 से अधिक अवार्ड मिल चुके हैं. 1996 की घटना को याद करते हुए प्रभा सिन्हा कहती हैं कि यूरोलॉजी विभाग में सर्जरी के बाद जैसे ही मरीज ओटी से वार्ड में आया उसको ऑक्सीजन की कमी हो गयी. वह तुरंत वार्ड पहुंची और अपने मुंह से मरीज को ऑक्सीजन देकर जान बचायी.

पीएमसीएच में मरीजों के लिए बनीं मदद की रोशनी

पीएमसीएच की जिम्मेदार पदों पर कार्यरत मेट्रोन (मातृका) बेबी इन दिनों एडमिनिस्ट्रेशन का काम देख रही हैं. बतौर नर्स बेबी कहती हैं कि खुद को बच्चों के प्रति जवाबदेह मानती हैं. अस्पताल में खासकर बच्चों की संख्या जब मौसमी बीमारी के दौरान बढ़ जाती हैं वह अपने बच्चे की तरह जाकर ट्रीटमेंट व सेवा करती हैं. बेबी लावारिस मरीजों के लिए भी मसीहा से कम नहीं है. यहां तक कि कई बार ड्यूटी के दौरान लावारिस मरीज को ब्रश कराने के साथ-साथ खना खिलाती रहती हैं. मदद की रोशनी बनकर पीएमसीएच में उभर चुकी बेबी मरीजों की सेवा में कभी कमी नहीं छोड़ती है.

हर साल अपने जन्मदिन पर कैंसर मरीजों के लिए करते हैं रक्तदान

ब्रज शर्मा एनएमसीएच के न्यूरो विभाग में कार्यरत हैं. ब्रज बताते हैं कि न्यूरो के गंभीर मरीजों को ट्रामा में भर्ती कराने से लेकर उनको हर मदद करने में पीछे नहीं हटते हैं. यहां तक कि वह हर साल अपने जम्मदिन पर खासकर कैंसर व गरीब मरीजों के लिए रक्तदान करते हैं. इसके अलावा अपने खास दोस्तों से भी रक्तदान के लिए आगे बुलाकर खून मुहैया कराने का काम करते हैं. पिछले चार साल से वह सेवा कर रहे हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel