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पटना, दानापुर, फुलवारी और खगौल में नहीं चलेंगे 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहन
पटना : पटना में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर पहल शुरू की है. पटना नगर निगम क्षेत्र के अलावा दानापुर, फुलवारीशरीफ और खगौल नगर परिषद क्षेत्रों में भी 15 साल से पुराने किसी तरह के व्यावसायिक वाहन नहीं चलेंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया […]
पटना : पटना में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर पहल शुरू की है. पटना नगर निगम क्षेत्र के अलावा दानापुर, फुलवारीशरीफ और खगौल नगर परिषद क्षेत्रों में भी 15 साल से पुराने किसी तरह के व्यावसायिक वाहन नहीं चलेंगे. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
निजी वाहनों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा, लेकिन उन्हें फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के बाद ही वाहन चलाने की अनुमति मिलेगी. इसके लिए सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिये गये. कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी.
कैबिनेट विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, आइटी सचिव राहुल सिंह और परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सूचना भवन के संवाद कक्ष में बताया कि राज्य में चरणबद्ध तरीके से डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाये जायेंगे.
31 जनवरी, 2021 से पटना नगर निगम क्षेत्र में डीजल ऑटो के परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगा दी जायेगी. 31 मार्च, 2021 से दानापुर, फुलवारीशरीफ और खगौल नगर परिषद क्षेत्रों में यह प्रतिबंध लागू होगा. परिवहन सचिव ने कहा कि अभी यह देखा जा रहा है कि बड़ी संख्या में डीजल में किरासन तेल मिलाकर ऑटो चलाये जाते हैं, जिसका वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ता है. इसके मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है.
सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़ जायेगी
कैबिनेट सचिव ने बताया कि जिन क्षेत्रों में डीजल ऑटो प्रतिबंधित किये जा रहे हैं, वहां परमिट धारकों या ऑटो वालों को सीएनजी ऑटो खरीदने के लिए अनुदान दिया जायेगा. डीजल ऑटो के बदले सीएनजी ऑटो खरीदने पर 40 हजार का अनुदान दिया जायेगा. बैट्री वाले वाहन खरीदने पर 25 हजार और पेट्रोल एवं सीएनजी दोनों तरह के किट लगे वाहन खरीदने पर 20 हजार का अनुदान दिया जायेगा.
इस तरह 23 करोड़ रुपये का अनुदान सरकार देगी. पटना और आसपास के इलाकों में ऐसे वाहनों की संख्या करीब 10 हजार है, जो इस प्रतिबंध से प्रभावित होंगे. 2020 तक पटना और आसपास के इलाकों में सीएनजी स्टेशनों की संख्या बढ़ जायेगी. इससे इसकी किल्लत नहीं होगी. अधिकारियों ने बताया कि पटना दुनिया का सातवां और देश का छठा सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है.
15 साल पुरानी सरकारी गाड़ियां बिकेगी स्क्रैप में
राज्य सरकार अब अपने मुख्यालय से लेकर जिला और प्रखंड स्तर के सभी कार्यालयों में 15 साल पुराने वाहन नहीं चलायेगी. इन वाहनों को प्रतिबंधित करने के साथ ही यह भी निर्णय लिया गया है कि इन गाड़ियों को स्क्रैप (कबाड़) में बेचा जायेगा. इन गाड़ियों को बाजार या नीलामी के जरिये नहीं बेचा जायेगा. ऐसे वाहनों की संख्या सभी जिलों से मंगवायी जा रही है.
कैबिनेट की बैठक
2021 से डीजल ऑटो प्रतिबंधित
सीएनजी में वाहनों को परिवर्तित कराने पर मिलेगा अनुदान
जिला व प्रखंड स्तर के कार्यालयों में भी नहीं चलेंगेे 15 साल पुराने वाहन
सिर्फ वोटर या आधार कार्ड की जांच करा पा सकते हैं वृद्धजन पेंशन
पटना : मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना में पेंशन आवेदनों की जांच और स्वीकृति की प्रक्रिया को सरल बना दिया गया है. कैबिनेट ने इसमें सुधार से संबंधित जरूरी बदलाव पर मुहर लगा दी है.
अब इसमें वोटर आइ कार्ड (इपिक) या आधार कार्ड की मदद से ही संबंधित वृद्ध जन का वेरिफिकेशन कराया जा सकता है. इसके लिए किसी एसडीओ या बीडीओ से अनुशंसा कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. समाज कल्याण निदेशालय के स्तर से ही इन आवेदनों को स्वीकृत किया जायेगा और पेंशन की राशि सीधे संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में जायेगी.
आवेदन ऑनलाइन करने की सुविधा है. यह पेंशन योजना 1 अप्रैल, 2019 से ही राज्य में लागू है. इसका लाभ 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी वृद्धजन ले सकते हैं. शर्त यह है कि वे किसी तरह की सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद वर्तमान में पेंशन नहीं ले रहे हों.
इसमें 60 से 79 वर्ष तक के वृद्धों को 400 रुपये और 80 वर्ष से अधिक के वृद्धों को 500 रुपये प्रति महीने पेंशन मिलेगी. राज्य सरकार ने पेंशन मद में एक हजार 800 करोड़ रुपये जारी किया है. राज्य में वृद्धजन की संख्या 92 लाख है. इसमें 56 लाख लोगों को अभी केंद्र या राज्य की तरफ से पेंशन मिल रही है. शेष 36 वृद्ध ऐसे हैं, जिन्हें कोई पेंशन नहीं मिल रही है. इस योजना से सभी वृद्धजनों को लाभ मिलेगा.
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