पटना : राज्य में कम बारिश होने और बड़ी व मध्यम परियोजनाओं में पानी की कमी से दो लाख 38 हजार 813 हेक्टेयर इलाके में खरीफ फसलों को इस बार सिंचाई का पानी नहीं मिल सका. इन परियोजनाओं से इस साल 21 लाख 30 हजार 201 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की सिंचाई का लक्ष्य था.
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2.38 लाख हेक्टेयर में नहीं मिला सिंचाई का पानी
पटना : राज्य में कम बारिश होने और बड़ी व मध्यम परियोजनाओं में पानी की कमी से दो लाख 38 हजार 813 हेक्टेयर इलाके में खरीफ फसलों को इस बार सिंचाई का पानी नहीं मिल सका. इन परियोजनाओं से इस साल 21 लाख 30 हजार 201 हेक्टेयर में खरीफ फसलों की सिंचाई का लक्ष्य था. […]
वहीं केवल 18 लाख 91 हजार 388 हेक्टेयर इलाके में ही सिंचाई का पानी मिल सका. इसका सीधा असर धान की रोपनी में देखने को मिला है. धान की रोपनी करीब 80 फीसदी ही हो सकी है. जल संसाधन विभाग के सूत्रों का कहना है कि सारण जिले में मशरक उपवितरणी और सुल्तानपुर वितरणी के खराब होने से सिंचाई का पानी नहीं मिल रहा.
दक्षिण बिहार में पंचाने, सकरी, उदेरास्थान सिंचाई परियोजना, करमौनी शाखा नहर, लोअर मोरहर सिंचाई योजना, बतरे वीयर में पानी की कमी है. साथ ही मुनहरा और त्रिशूला सिंचाई योजना, बदुआ जलाशय, ओढ़नी, आंजन, बेलहरना, बासकुंड, विलाशी, मोरवे, नागी, अमृति-श्रीखंडी, कैलाशघाटी, फुलवरिया, पुरैनी, जौब जलाशय योजनाओं में सिंचाई के लिए पानी नहीं है.
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