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इंटर में होम सेंटर पर होगी प्रैक्टिकल परीक्षा, सभी स्कूलों में है व्यवस्था

पटना : पिछले वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए प्रैक्टिकल के होम सेंटरों को छोड़ कर जहां 795 कॉलेजों में केंद्र बनाये गये थे, वहीं इस बार बिहार बोर्ड ने होम सेंटर पर ही प्रैक्टिकल परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय लिया है. चूंकि पिछले वर्ष अधिकांश कॉलेजों में प्रैक्टिकल की समुचित व्यवस्था नहीं थी, […]

पटना : पिछले वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए प्रैक्टिकल के होम सेंटरों को छोड़ कर जहां 795 कॉलेजों में केंद्र बनाये गये थे, वहीं इस बार बिहार बोर्ड ने होम सेंटर पर ही प्रैक्टिकल परीक्षा का आयोजन करने का निर्णय लिया है. चूंकि पिछले वर्ष अधिकांश कॉलेजों में प्रैक्टिकल की समुचित व्यवस्था नहीं थी, लेकिन अब लगभग सभी विद्यालयों में इंटर के प्रैक्टिकल की व्यवस्था हो गयी है.
इसे ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है. इससे विद्यार्थियों की उत्तीर्णता प्रतिशत में भी वृद्धि होने की संभावना है. यह जानकारी बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने दी. श्री किशोर ने शुक्रवार को बोर्ड सभागार में इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक परीक्षा-2019 के संचालन, उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन, शिक्षक डायरेक्टरी अद्यतन करने की स्थिति आदि के संबंध में विभिन्न जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी, मूल्यांकन निदेशक एवं कई जिलों के विभिन्न विद्यालयों के प्राचार्यों के साथ बैठक की.
इसमें परीक्षा के संचालन को बेहतर करने तथा मूल्यांकन की प्रक्रिया को त्रुटिरहित बनाने पर विचार–विमर्श करते हुए सुझाव लिये गये. बैठक में बोर्ड के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक योगेश मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक शेखर वर्मा समेत अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
सेंटअप परीक्षा से पूर्व प्रैक्टिस के लिए डमी ओएमआर शीट : बैठक में अध्यक्ष श्री किशोर ने इंटरमीडिएट व मैट्रिक के परीक्षार्थियों के लिए इस वर्ष सेंटअप परीक्षा से पूर्व डमी ओएमआर शीट भेज देने का निर्देश दिया, ताकि विद्यार्थियों को प्रैक्टिस के लिए उपलब्ध कराया जा सके.
उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान सभी विद्यार्थी अपने संस्थानों में उपस्थित रहते हैं, जिस दौरान उन्हें डमी ओएमआर प्रैक्टिस के लिए उपलब्ध कराया जायेगा. ओएमआर शीट का दुरूपयोग न हो, इसके लिए उस पर वाटर मार्क से सेंपल ओएमआर नॉट फॉर यूज लिखा होगा.
मूल्यांकन के दौरान परीक्षकों के पारिश्रमिक पर भी हुआ विचार
बैठक में मूल्यांकन के दौरान परीक्षकों को दिये जाने वाले पारिश्रमिक पर भी विचार-विमर्श किया गया. अध्यक्ष ने बताया कि मूल्यांकन कार्य से जुड़े परीक्षकों के मानदेय में दो प्रकार की वृद्धि की जायेगी. पहला-सभी परीक्षकों को देय मानदेय में सामान्य वृद्धि एवं दूसरा-त्रुटिरहित मूल्यांकन करने के एवज में ‘मूल्यांकन प्रोत्साहन योजना’ के तहत प्रोत्साहन राशि. इस संबंध में बोर्ड शीघ्र योजना लागू करेगा.
नये रजिस्ट्रेशन व त्रुटि में सुधार का अवसर मिलेगा
बोर्ड द्वारा इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक परीक्षा-2019 के लिए शिक्षण संस्थानों के माध्यम से परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन व उसमें त्रुटि सुधार करने के लिए कई अवसर प्रदान किये गये, बावजूद अभी भी कई शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थीनया रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित रह गये हैं या उसमें त्रुटि सुधार नहीं कर पाये हैं. अत: छात्र हित को ध्यान में रखते हुए अध्यक्ष ने बताया गया कि नया रजिस्ट्रेशन करने तथा त्रुटि सुधार के लिए विद्यार्थिर्यों को अवसर प्रदान किया जायेगा.
बैठक में दिये गये ये महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश
इंटर व मैट्रिक की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के समय बोर्ड कार्यालय में एक सेल का गठत तथा सतत निगरानी के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनेगा
– ऑनलाइन शिक्षक डायरेक्टरी में एडिट का ऑप्शन रहना चाहिए ताकि गलत सूचना हो, तो उसमें सुधार किया जा सके, साथ ही डायरेक्टरी तैयार करते समय विशेष ध्यान रहे कि कोई शिक्षक छूटे नहीं
– मूल्यांकन कार्य प्रारंभ होने के 15 दिन पूर्व परीक्षको की संख्या के आधार पर मूल्यांकन राशि बोर्ड द्वारा भेज दी जायेगाी, मूल्यांकन कार्य से जुड़े कार्यालय सहायकों के मानदेय में वृद्धि पर विचार किया जा रहा है
– इंटर व मैट्रिक परीक्षा-2019 से मूल्यांकन कार्यों से जुड़े परीक्षकों का नियुक्ति पत्र संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में मूल्यांकन कार्य प्रारंभ होने से एक माह पूर्व उपलब्ध करा दिया जायेगा
– उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए अंगीभूत कॉलेजों में अधिक मूल्यांकन केंद्र बनाने का निर्देश

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