पटना : जेपी के संपूर्ण क्रांति के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जेल में बंद छात्रों और नौजवानों से मिलने चंपारण पहुंचे थे. वाजपेयी को गिरफ्तार आंदोलनकारियों से मिलने की इजाजत नहीं मिली. इसके बाद वह जिलाधिकारी के आवास के सामने ही धरने पर बैठ गये. वाजपेयी के धरने के बैठने के बाद प्रशासन सकते में आ गया. आनन-फानन में गिरफ्तार जिलाध्यक्ष को तुरंत रिहा कर दिया गया. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रशासन की कार्रवाई पर ऐसा गीत गाया कि उन्हें जेल में डाल दिया गया.
जानकारी के मुताबिक, हजारों छात्र-नौजवान बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे थे. चंपारण की धरती की ऊर्जा से संपूर्ण क्रांति को बल मिला. हजारों छात्र-नौजवान ”बिहार भी गुजरात बनेगा, चंपारण ही शुरुआत करेगा” के गगनभेदी नारों के साथ सड़क पर उतर आये थे. उत्साहित आंदोलनकारी जेल भर रहे थे. उनके उत्साह और जोश के सामने जेल भी छोटी पड़ने लगी थी.
आंदोलनकारियों से मिलने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी चंपारण पहुंचे. लेकिन, उन्हें मुलाकात की अनुमति नहीं मिली. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी जिलाधिकारी के आवास के सामने ही धरने पर बैठ गये. वाजपेयी के धरने पर बैठने की खबर तेजी से चहुंओर फैलने लगी. स्थिति की भयावहता को भांप कर तत्कालीन जिलाधिकारी विनय कुमार सिंह ने जनसंघ के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक राय हरिशंकर शर्मा को तुरंत रिहा कर दिया.
राय हरिशंकर शर्मा की रिहाई पर वाजपेयी ने गुनगाया कि ”कैद मांगी थी, रिहाई… तो नहीं मांगी थी…”. इसके बाद वाजपेयी के गुनगुनाने पर प्रशासन चिढ़ गया और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ राय हरिशंकर शर्मा, बाबूनंद शर्मा और कैलाशपति मिश्र को भी जेल में डाल दिया. हालांकि, कुछ घंटे ही यहां रखने के बाद जिला जज के आदेश पर चारों नेताओं के साथ मीसा में बंद 14 लोगों को मंडल कारा मोतिहारी से हजारीबाग जेल स्थानांतरित कर दिया गया था.