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नदियां उफनायीं, चंपारण से कोसी तक कई इलाकों में बाढ़ का पानी चढ़ा

मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी और किशनगंज के कई गांव पानी से घिरे पटना : प्रदेश में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है. नेपाल के जल ग्रहण वाले इलाकों में भारी बारिश के कारण वहां से निकलनेवाली नदियां उफना गयी हैं. इससे चंपारण से कोसी तक कई इलाकों में बाढ़ का पानी चढ़ गया है. मधुबनी, […]

मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी और किशनगंज के कई गांव पानी से घिरे
पटना : प्रदेश में बाढ़ का कहर शुरू हो गया है. नेपाल के जल ग्रहण वाले इलाकों में भारी बारिश के कारण वहां से निकलनेवाली नदियां उफना गयी हैं.
इससे चंपारण से कोसी तक कई इलाकों में बाढ़ का पानी चढ़ गया है. मधुबनी, दरभंगा, सीतामढ़ी और किशनगंज जिलों में कई गांव पानी से घिर गये हैं. यातायात बाधित हो गया है. जल संसाधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि गंगा, गंडक, कमला बलान, कोसी और महानंदा नदियों के जल स्तर में गुरुवार को भी बढ़ोतरी होने की संभावना है.
वहीं बुधवार को सोन, पुनपुन, घाघरा, बूढ़ी गंडक और अधवारा समूह की नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी दिखी. मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड में बागमती नदी खतरे के निशान से 0.40 मी ऊपर तक चली गयी. दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड में कमला बलान भी खतरे के निशान से 0.40 मी ऊपर बही. किशनगंज के कोचाधामन में पश्चिमी कनकई नदी 0.01 मी और ठाकुरगंज प्रखंड में पश्चिमी मेंची नदी खतरे के निशान से 0.15 मी ऊपर बह रही थी.
आज होगी बारिश : मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को पटना, गया, भागलपुर और पूर्णिया सहित राज्य के लगभग सभी हिस्सों में बारिश की संभावना जतायी है. वहीं बुधवार को छह जिलों में बारिश हुई. इसमें भागलपुर, किशनगंज, रोहतास, भभुआ, सुपौल और गया जिले शामिल हैं.
सबसे अधिक तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस छपरा में दर्ज किया गया.
अभियंताओं को अलर्ट रहने का दिया गया निर्देश
पटना : बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने संभावित बाढ़ के मद्देनजर विभाग के अधिकारियों को अलर्ट रहने का निर्देश दिया है. बाढ़ग्रस्त होनेवाले जिलों में पुल-पुलियों व स्टेट हाईवे पर निगरानी रखने के लिए कहा गया है.
सड़कों पर पानी का फैलाव होने पर यातायात को हर हालत में सुगम बनाये रखने को कहा गया है. संकट की स्थिति से निबटने के लिए पांच बेली ब्रिज बनाने की सामग्री तैयार रखी गयी है. उन्होंने बुधवार को कहा कि नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र से पानी छोड़े जाने और भारी वर्षा से उत्तर बिहार एवं सीमांचल में बाढ़ प्रतिवर्ष कहर ढाती है.
पिछले साल सीमांचल के कई जिले इसकी चपेट में आये जिससे कई सड़कों एवं पुलों को क्षति पहुंची थी. उस समय विभाग ने पथों की मरम्मत और बेली ब्रिज का निर्माण कर यातायात को हर हालत में सुगम बनाये रखा.
पूर्णिया में बाढ़ का पानी करने लगा सड़क पार
पूर्णिया : बायसी प्रखंड में तमाम नदियां उफना गयी हैं. कई पंचायतों में बाढ़ के पानी ने सड़कों को पार करना शुरू कर दिया है. बनगामा पंचायत के मड़वा, मजलिसपुर, शेरेनिया, ताराबाड़ी पंचायत पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में है.
चरैया पंचायत के भसिया व चरैया गांव को पानी ने पूरी तरह से अपनी गिरफ्त में ले लिया है.कई स्थानों पर बाढ़ का पानी सड़क पार करने लगा है. संभावित बाढ़ को लेकर लोगों में खौफ देखने को मिल रहा है. बुधवार को डीएम प्रदीप कुमार झा ने बनगामा पंचायत का दौरा कर अधिकारियों को बाढ़ से निबटने का दिशा निर्देश दिया.
सुपौल में सुरक्षा बांध का दक्षिणी हिस्सा धंसा
सुपौल : वर्ष 2013 में निर्मित सुरक्षा बांध के टूटने से मची तबाही के बाद हाल में नवनिर्मित सुरक्षा बांध का एक भाग धंसने एवं पुनः टूटने की आशंका से लोगों में दहशत का माहौल पैदा होने लगा है.
जिले के किसनपुर प्रखंड के नौआबाखर भर्राही टोला सहित आस-पड़ोस के गांव के लोग बाढ़ की तबाही के भय से पलायन करने पर विवश हैं. स्थिति की जानकारी मिलते ही स्थानीय विधायक यदुवंश कुमार यादव ने उक्त स्थल का निरीक्षण किया.
स्थल पर मौजूद ग्रामीणों ने विधायक श्री यादव को बताया कि पिछले वर्ष सुरक्षा बांध प्रलयंकारी बाढ़ की तबाही की चपेट में आ गया. जबकि लगभग 100 फीट नव निर्मित सुरक्षा बांध के टूटने से भारी तबाही मची थी.
जहां दर्जनों लोग सहित हजारों की सामग्री कोसी मैया की भेंट चढ़ गया. बाद में जनप्रतिनिधि के प्रयास से पुनः टूटे स्थल पर मिट्टी भरकर सुरक्षा बांध को मजबूती प्रदान की गयी. नव निर्मित सुरक्षा बांध हाल ही में हुई तेज बारिश से पुनः पानी के दबाव बनने के कारण दक्षिणी हिस्से का लगभग 100 फीट पूरी तरह धंस गया है.
जहां लोगों द्वारा आशंका जताया जा रहा है कि किसी समय पानी के भारी दबाव से सुरक्षा बांध टूट ना जाय. इसके भय से यहां के लोग रतजगा करने पर विवश है. ग्रामीणों को विधायक ने आश्वस्त कराया कि सुरक्षा बांध को शीघ्र मरम्मत कर लिया जायेगा.
श्री यादव ने बताया कि इस मामले को लेकर उन्होंने जिला पदाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी से लेकर बांध डिवीजन के अधिकारी को स्थिति से अवगत कराते हुए आवश्यक कदम उठाने का अनुरोध किया है. श्री यादव ने आगे बताया कि अगर पुनः सुरक्षा बांध टूटी तो यहां से सदर प्रखंड के बैरिया मंच तक के दर्जनों गांवों के लोग तबाही के शिकार हो जायेंगे.
इधर, छातापुर से मिली जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र में प्रवाहित उपनदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है. जिस कारण तटबंध के किनारे बसने वाले इलाके वासी संभावित बाढ़ को देखते हुए एकबार फिर से खौफजदा हैं.
उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर प्रवाहित सुरसर, गैड़ा व मिरचैया नदी एक बार फिर से इलाके में तबाही मचाने को आतुर दिख रही है. वह इसलिए कि इन नदियों के तटबंध का दोनों किनारा कई जगहों पर क्षतिग्रस्त है.
चुन्नी पंचायत वार्ड संख्या एक निवासी महादलित कारी सरदार, असर्फी सरदार, बाबुनंद सरदार, वार्ड सदस्य ताराचंद सरदार, सीताराम सरदार, सुकनी देवी, कैली देवी, आकाश कुमार आदि ने बताया कि चार दिन पूर्व से ही नदी में जलस्तर का बढ़ना प्रारंभ हो गया है.
सुरसर नदी का तटबंध क्षतिग्रस्त रहने के कारण कई स्थानों पर नदी का बहाव खुले तौर पर होता है. जिस कारण साल दर साल दर्जनों एकड़ निजी भूमि नदी के आगोश में समाता जा रहा है और बाढ़ का फैलता पानी सड़कों को बहा ले जाती है. परिणाम स्वरूप बस्ती के सैकड़ों की आबादी पानी में तैरकर बाहर निकलते हैं.
गोपालगंज : गंडक नदी के उफान से 225 परिवार घिरे
गोपालगंज : नेपाल में पिछले 24 घंटे के दौरान गंडक नदी के जलगृहीत इलाके में बारिश थमने से डिस्चार्ज में कमी आयी है. इससे जल स्तर घटने लगा है. सबसे अधिक चिंताजनक स्थिति कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहनिया तथा विशंभरपुर की बनी हुई है.
कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहनिया वार्ड नंबर तीन, सिपाया खास वार्ड नंबर एक, कालामटिहनिया वार्ड नंबर छह व सात के लगभग 225 परिवार नदी के पानी से घिर गये हैं. इनके आने-जाने के सभी रास्ते फिलहाल बंद हैं. डीएम अनिमेष कुमार पराशर नदी के गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं.
डीएम के आदेश पर अपर समाहर्ता शिवनारायण सिंह एवं अन्य अधिकारियों ने पतहरा से लेकर बैकुंठपुर तक के तटबंधों का मुआयना कर स्थिति से अवगत कराया. इस बीच बाढ़ नियंत्रण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को शाम चार बजे वाल्मीकि नगर बराज से महज 86 हजार क्यूसेक जल डिस्चार्ज किया गया है, जिससे नदी का जल स्तर घट रहा है.

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