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मार्च, 2020 तक खत्म हो जायेंगे बिना फाटक वाले रेलवे क्रासिंग

नयी दिल्ली : रेलवे ने कहा है कि 31 मार्च, 2020 तक बिना कर्मचारी वाले सभी रेलवे क्रासिंग को समाप्त कर दिया जायेगा. उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के हादसों को लेकर प्राथमिक जिम्मेदारी रेलवे की नहीं, बल्कि सड़क का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की है. रेलवे ने यह बयान […]

नयी दिल्ली : रेलवे ने कहा है कि 31 मार्च, 2020 तक बिना कर्मचारी वाले सभी रेलवे क्रासिंग को समाप्त कर दिया जायेगा. उन्होंने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के हादसों को लेकर प्राथमिक जिम्मेदारी रेलवे की नहीं, बल्कि सड़क का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की है. रेलवे ने यह बयान तब दिया है, जब उत्तर प्रदेश में गुरुवार को एक मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक स्कूल वैन के ट्रेन से टकरा जाने से 13 बच्चों की मौत हो गयी. रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी ने यह भी कहा कि रेलवे कोई भी कदम उठा ले, लेकिन लोगों की लापरवाही को नहीं रोका जा सकता. उन्होंने लोगों से क्रॉसिंग पार करते समय सतर्क रहने का आग्रह किया. अधिकारियों ने कहा,‘‘हम सभी यूएमएलसी (मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग) को 31 मार्च, 2020 तक हटाने का प्रयास कर रहे हैं.’

लोहानी ने कहा कि जब तक यूएमएलसी को हटा नहीं दिया जाता, तब तक लोगों को क्रॉसिंग पार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. रेलवे ऐसा कोई भी कदम नहीं उठा सकता, जिससे लोगों की लापरवाही को रोका जा सके. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 131 और साथ ही रेलवे अधिनियम की धारा 161 में मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पार करने से जुड़े प्रावधान हैं, जिनके तहत, सामने से कोई ट्रेन नहीं आ रही हो, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी वाहन के चालक पर है. लोहानी ने कहा, ‘‘मानव रहित रेलवे क्रॉसिंग पार करते समय पहली जिम्मेदारी रेलवे की नहीं, बल्कि सड़क का इस्तेमाल करनेवाले की है. इस तरह की रेल पटरियों को पार करते समय नियम यह है कि हम दोनों तरफ देखें, रूकें और फिर आगे बढ़ें.

रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कुशीनगर हादसा मामले में चालक नहीं रुका था.’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हादसा हमारे क्षेत्र में होने के कारण, यह हमारे लिए चिंता का विषय है. इसलिए हम सभी रेलवे क्रासिंग को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच मैं लोगों से सतर्क रहने की अपील करता हूं. साथ ही कृपया पटरियों के पास चलते समय इयरफोन का इस्तेमाल ना करें.’ अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने 2017-18 में 1,565 ऐसे क्रॉसिंग को हटाया है और 2018-19 में इस तरह के 1,600 क्रॉसिंग को हटाने का लक्ष्य है. उन्होंने बताया कि इस तरह के क्रॉसिंग को हटाये जाने के बाद पिछले कुछ वर्षों में मानव रहित क्रॉसिंग पर होनेवाले हादसों में कमी आयी है. 2014-2015 में मानवरहित फाटकों पर इस तरह के 50 हादसे, 2015-2016 में 29 हादसे, 2016-2017 में 20 हादसे, 2017-2018 में 10 हादसे और इस वर्ष एक हादसा हुआ है.

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