मुजफ्फरपुर: शुभम हत्याकांड के मुख्य आरोपित भानु प्रकाश को शनिवार को किशोर न्याय परिषद ने जमानत दे दी. उम्र सत्यापन में किशोर साबित होने के बाद जमानत दी गयी है.
पटना हाइकोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को एसडीजेएम पूर्वी द्वारा संचिका किशोर न्याय परिषद को भेजा गया. इसके बाद जेल में बंद भानु को पेश किया गया. इस दौरान भानु के अधिवक्ता विजय कुमार ने परिषद की सदस्या अर्चना अनुपम की कोर्ट में जन्म व स्कूल प्रमाण पत्र के आधार पर 17 वर्ष चार माह 22 दिन होने की बात कही. इसके बाद उसे जमानत दे दी गयी. इधर, शुभम के पिता डॉ मनोज कुमार ने कहा कि बगैर बहस किसी को कैसे जमानत मिल सकती है. इस मामले पर अपने वकील से राय-विचार कर न्याय के लिए हाइकोर्ट की शरण में जायेंगे.
27 अगस्त को लीची बागान से मिला था शव
मिठनपुरा थाना के चकबासु मुहल्ला में रहने वाले डॉ मनोज कुमार का पुत्र शुभम 26 अगस्त की शाम से गायब था. वह संत जेवियर्स स्कूल के नौवीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा था. 27 अगस्त को मुशहरी थाना के रघुनाथपुर गांव के लीची बागान से शुभम का शव मिला. गला रेत हत्या करने की बात सामने आयी. 28 अगस्त को हत्या की प्राथमिकी दर्ज हुई. इसके बाद तीस अगस्त को शुभम के दोस्त पुरानी बाजार के रहने वाले भानु प्रकाश को मोबाइल के टावर लोकेशन से गिरफ्तार किया गया. 24 घंटे तक हिरासत में रख पूछताछ के बाद भानु को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.
एसडीजीएम पर हाइकोर्ट कर चुका है कड़ी टिप्पणी
भानु प्रकाश को जेल भेजे जाने के बाद परिजनों ने एसडीजीएम के यहां 18 वर्ष से कम उम्र होने का अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने कोई रुचि नहीं ली. इसके बाद परिजनों ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की. हाइकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीजीएम को अविलंब किशोर न्याय परिषद को संचिका ट्रांसफर कर दिया था. हाइकोर्ट ने एसडीजीएम को उन्हें मिले पद के लायक नहीं होने की बात कही थी. साथ ही इस मामले में दोषी मानते हुए मिठनपुरा थानाध्यक्ष किरण कुमार के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश एसएसपी को फैक्स भेज दिया था.