जेआरएस कॉलेज में विकसित भारत युवा संसद 2025 का दो दिवसीय कार्यक्रम प्रारंभ
मुंगेर. युवा तभी देश की सत्ता की बागडोर संभाल कर जनता का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं, जब वह कक्षा में नियमित शिक्षा लेकर अपनी वैचारिक धार को पैनी बनायेंगे. जब हमारे छात्र अपने बहुविषयक जानकारी को प्राप्त करने के लिए अपने शिक्षकों से लगातार जुड़ कर अपना दार्शनिक विजन सृजित करेगें, तो वे नेतृत्व की क्षमता को धारण करेंगे. उक्त बातें सोमवार को मुंगेर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय कुमार ने जेआरएस कॉलेज, जमालपुर में आयोजित दो दिवसीय विकसित भारत युवा संसद 2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि विकसित भारत युवा संसद 2025 में शिरकत करने वाले युवा प्रतिभागियों की इतनी बड़ी संख्या को जानकर प्रसन्न हूं. पूरे बिहार में मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने कार्यक्रम में अपना पंजीयन कराते हुए माई भारत पोर्टल पर हमें सर्वोच्च चौथे स्थान पर रखा है. इतने प्रतिभागियों का युवा संसद 2025 में प्रतिभागी करना विश्वविद्यालय और मुझे उत्साहित करता है. उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के इस दौर में अभी भी युवाओं में जरूरी सूचनाओं का अभाव है. इसके लिए कुछ ढांचागत समस्या हमारे संस्थानों की भी है और कुछ विद्यार्थियों की ओर से भी है. ऐसे में कक्षा में शत-प्रतिशत उपस्थिति को लेकर विश्वविद्यालय आने वाले दिनों में रचनात्मक योजनाएं बनायेगा.दो दिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ
जेआरएस कॉलेज एनएसएस इकाई और नेहरू युवा केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में विकसित भारत युवा संसद 2025 के दो दिवसीय मेगा आयोजन का प्रथम दिन उद्घाटन एवं युवा संसद कार्यक्रम का सत्रारंभ किया गया. अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य प्रो. डॉ देवराज सुमन ने की. मुख्य अतिथि कुलपति प्रो संजय कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो. भावेशचंद्र पांडेय, नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी चितरंजन मंडल, ज्यूरी सदस्या डॉ मंजू लाल तथा युवा आइकॉन हीरो राजन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. संचालन एनएसएस पीओ डॉ चंदन कुमार तथा डॉ राजेश कुमार सिंह ने किया. डीएसडब्ल्यू ने कहा कि 70 के दशक तक इस देश में एक चुनाव की ही श्रृंखला संचालित थी, मगर संविधान द्वारा दिए गए प्रावधानों के कारण कई बार सामयिक तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति अथवा राज्यपाल को अपना इस्तीफा तय समय से पहले भी देकर चुनाव में गए हैं. साथ ही अविश्वास प्रस्ताव से सरकार गिरने तथा धारा 356 के दुरुपयोग के कारण एकसाथ आयोजित होने वाली चुनाव प्रक्रिया खंडित हुई है. इस विषय के पक्ष और विपक्ष के अपने कई जरूरी विचार हैं. जिसके लिए प्रतिभागियों की ऊर्जा की आज परख होनी है.40 प्रतिभागियों ने रखे अपने विचार
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में युवा संसद का शुभारंभ किया गया. पहले दिन सत्र के अंत में प्रो. विद्या चौधरी ने कहा कि एक राष्ट्र, एक चुनाव जैसे विषय के पक्ष और विपक्ष में सोचना एक प्रकार की संरचनात्मक भागीदारी है. जिसका अकादमिक जगत में अपना महत्व है, लेकिन हमारे द्वारा चुने जनप्रतिनिधि जब किसी मुद्दे पर विचार करते हुए निर्णय तक पहुंचते हैं तो वह भी प्रकारांतर से हमारी बात ही करते हैं. एनएसएस कॉऑर्डिनेटर डॉ मुनींद्र कुमार सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में 115 से अधिक प्रतिभागियों का पंजीयन हुआ है. जिसमें पहले दिन के संसद सत्र में 40 प्रतिभागियों ने अपने विचार रखें. मौके पर डॉ सुनील कुमार, डॉ नीरज कुमार, डॉ अजय प्रकाश, डॉ पूजा कुमारी, डॉ मांडवी कुमारी, डॉ रामरेखा कुमार, डॉ संजय मांझी, डॉ तबारक अंसारी, डॉ दीपक कुमार, डॉ राकेश पासवान, डॉ दिवान अकरम, डॉ राजकिशोर आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है