मुंगेर. टेटियाबंबर अंचल कार्यालय में सरकारी अमीन नहीं होने से आमलोगों की परेशानी बढ़ गयी है. जमीन की मापी के लिए लोग प्राइवेट अमीन पर निर्भर हैं जो जमीन मापने के लिए मनमानी राशि की मांग करते हैं. नापी भी ठीक ढंग से नहीं करते हैं. इस कारण दोनों पक्षों में हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहती है. खड़गपुर अंचल कार्यालय के अमीन टेटियाबंबर के प्रभार में हैं, जो कब आते हैं और चले जाते हैं, इसका पता ही नहीं चल पाता है. अमीनों की बात करें तो क्षेत्र में ज्यादातर अमीन के पास न तो डिग्री है और न ही कोई रजिस्ट्रेशन. क्षेत्र में हो रहे जमीन विवादों में इन अमीन की अहम भूमिका होती है और जानबूझ कर जमीन की गलत पैमाइश कर जमीन विवाद पैदा कराते हैं. जिससे आए दिन आपसी तनाव व मारपीट की घटनाएं भी होती है. अमीन एक दिन की पैमाइश के बदले आमतौर पर चार से पांच दिन लगाते हैं तथा प्रत्येक दिन अपनी फी वसूली करते हैं. इनका दैनिक फीस तीन हजार रुपये है. यह अमीन आपसी सौदा कर भू-स्वामियों को परेशान करते हैं. कुछ भूस्वामी तो प्राइवेट अमीन के चक्कर में हजारों रुपये बर्बाद कर चुके हैं, लेकिन नापी की समस्या से निजात नहीं मिल पाया है. जब खेत खाली होता है तब अमीन का डिमांड बढ़ जाता है. जबकि टेटियाबंबर अंचल कार्यालय में एक भी सरकारी अमीन नहीं है. इस कारण प्राइवेट अमीन की मनमर्जी चलती है. इस संबंध में उप प्रमुख शशि भूषण कुमार सिंह ने बताया कि अंचल कार्यालय में सप्ताह में दो दिन ही सरकारी अमीन आते हैं. इतने बड़े क्षेत्र में अमीन के नहीं रहने से आमलोग परेशान रहते हैं.
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