मुंगेर : शहर के बड़ा बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक प्रधान कार्यालय एवं टाउन हॉल के समीप बिहार ग्रामीण बैंक से सोमवार को दो अलग-अलग घटनाओं में अपराधियों ने 2.07 लाख रुपये उड़ा लिये. कोतवाली पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की तो छानबीन की. किंतु अबतक ग्रामीण बैंक में हुई घटना की प्राथमिकी दर्ज नहीं की है.
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बैंक परिसर से उचक्कों ने उड़ाये 2.07 लाख
मुंगेर : शहर के बड़ा बाजार स्थित भारतीय स्टेट बैंक प्रधान कार्यालय एवं टाउन हॉल के समीप बिहार ग्रामीण बैंक से सोमवार को दो अलग-अलग घटनाओं में अपराधियों ने 2.07 लाख रुपये उड़ा लिये. कोतवाली पुलिस घटनास्थल पर पहुंच कर मामले की तो छानबीन की. किंतु अबतक ग्रामीण बैंक में हुई घटना की प्राथमिकी दर्ज […]
प्राप्त समाचार के अनुसार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन मुंगेर के सचिव सह मेडिसीन ट्रेडर्स के प्रोपराइटर अभिषेक बॉबी ने सोमवार को अपने दुकान के कर्मचारी हैप्पी कुमार को 1 लाख 47 हजार 500 रुपये बैंक में जमा करने के लिए दिया. हैप्पी उस राशि को लेकर बड़ा बाजार स्थित एसबीआई बैंक पहुंचा. जहां राशि जमा करने के पूर्व टोकन लेने के दौरान उचक्कों ने ब्लेड मार कर उसके बैग से रुपये उड़ा लिये. जिसका हैप्पी को पता भी नहीं चला.
जैसे ही वह काउंटर से हटा, उसे रुपये से भरा बैग हल्का लगने लगा. बैग का चेन खोलते ही बैग आर-पार दिखने लगा, उसमें रखे सभी रुपये गायब थे. इस बात की सूचना उसने सबसे पहले बैंक के शाखा प्रबंधक को दिया. साथ ही अपने मालिक अभिषेक बॉबी को भी दी. काफी खोजबीन के बावजूद मामले का पता नहीं चल पाया.
इधर शहर के नगर भवन स्थित बिहार ग्रामीण बैंक में कोड़ा मैदान के एक व्यवसायी आकाश कुमार की मां का भी बैंक परिसर में रुपये जमा करने के दौरान उचक्कों ने 60 हजार रुपये उड़ा लिया. घटना की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस व चैंबर के अधिकारीगण बैंक पहुंचे और मामले की छानबीन की. लेकिन इस घटना की प्राथमिकी अबतक कोतवाली थाने में दर्ज नहीं हुई है.
एसबीआइ में नयी व्यवस्था से व्यवसायी परेशान . मुंगेर : भारतीय स्टेट बैंक प्रधान कार्यालय में राशि जमा करने के लिए टोकन व्यवस्था से व्यवसायियों की परेशानी बढ़ गयी है. बैंक में यह व्यवस्था की गयी है कि जब कोई व्यक्ति राशि जमा करने के लिए जाता है तो काउंटर पर उससे पूछा जाता है कि कितनी राशि जमा करनी है और उस राशि के आधार पर उसे टोकन उपलब्ध कराया जाता है.
इतना ही नहीं टोकन उपलब्ध कराने के बाद जब टोकन का नंबर डिस्प्ले होता है तभी राशि जमा हो पाती है. ड्रगिस्ट एसोसिएशन के सचिव अभिषेक बॉबी ने इस व्यवस्था पर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि काउंटर पर जब राशि पूछा जाता है तो आसपास खड़े लोगों को भी यह ज्ञात हो जाता है कि इस व्यक्ति के थैले में अमुख राशि है जो उचक्कों के लिए और आसान हो जाता है. जिस पर इस व्यवस्था को तत्काल बदलने की जरूरत है.
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