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बरदह गंगा तट पर भू-स्खलन
लगभग एक बीघा खेत में लगी अरहर व शकरकंद की फसल धरती में समायी मुंगेर : सदर प्रखंड के बरदह गंगा तट पर शुक्रवार की सुबह अचानक भू- स्खलन हो गयी. जिसके कारण लगभग दो बीघा भू-भाग धरती के गर्भ में समा गयी. जिसमें लगभग एक बीघा खेत में लगा अरहर व शकरकंद का फसल […]
लगभग एक बीघा खेत में लगी अरहर व शकरकंद की फसल धरती में समायी
मुंगेर : सदर प्रखंड के बरदह गंगा तट पर शुक्रवार की सुबह अचानक भू- स्खलन हो गयी. जिसके कारण लगभग दो बीघा भू-भाग धरती के गर्भ में समा गयी. जिसमें लगभग एक बीघा खेत में लगा अरहर व शकरकंद का फसल भी जमीनदोज हो गया है. इस घटना से घाट किनारे के किसान इतने दहशत में हैं कि वे अपने खेत पर जाने से भी भय खा रहे हैं.
25-30 फिट धंस गई जमीन
बरदह निवासी नूर उद्दीन शुक्रवार की सुबह गंगा घाट किनारे अपने खेत पर गया था. लगभग आठ बजे अचानक जमीन के फटने की आवाज आयी. जैसे उन्होंने गंगा के किनारे नजर दौराया, उसने देखा कि उसके खेत का उत्तरी छोर पर लगभग पांच फिट फट चुका है. जब तक वह और करीब जाता कि जमीन का एक बड़ा भू- भाग लगभग 30 फिट नीचे धंस गया.
वह इस घटना से काफी डर गया और गांव के ओर भागने लगा. जमीन धंसने की खबर सुनते ही गांव के लोग भू- स्खलन वाले स्थल को देखने पहुंच गये. इधर इस भू-स्खलन में मो. रसीद, मो. नेपाली व शीतलपुर निवासी बटेश्वर सिंह के खेत का उत्तरी छोर भी जमीन के अंदर लगभग 25- 30 फिट धंस गया. उसके बाद से थोड़ी- थोड़ी देर पर शेष भू- भाग का भी छोटा- छोटा टुकड़ा का गिरना देर शाम तक जारी था.
ध्वस्त हो गया गाइड वाल
गंगा के कटाव से खेतों को बचाने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा गंगा किनारे गाइड वाल दिया गया था. किंतु शुक्रवार को हुए भू-स्खलन में लगभग 50 फिट की लंबाई तक का गाइड वाल ध्वस्त हो गया है. जिसके कारण गंगा के जल स्तर में बढ़ोतरी होने पर अब कटाव का खतरा बढ़ गया है. स्थानीय किसानों को अब यह चिंता सताने लगी है कि बाढ़ के समय उनका खेत कहीं गंगा में विलीन न हो जाये.
कहते हैं पदाधिकारी
सदर अनुमंडल पदाधिकारी डॉ कुंदन कुमार ने बताया कि घटना के बारे में जानकारी मिली है. घटना स्थल का जांच कराया जा रहा है.
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