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बजट में ऋण माफ करने का हो प्रावधान

बजट पूर्व प्रभात खबर ने किसानों व आम लोगों से की परिचर्चा पंडौल : सरकार द्वारा आम बजट एक फरवरी को पेश होने वाला है. इस पर हर किसी की निगाहें और उम्मीदें टिकी हैं. किसान व आम लोग भी इस बजट को लेकर उत्साहित हैं. किसान जहां कृषि उपकरणों व खाद पर छूट देने […]

बजट पूर्व प्रभात खबर ने किसानों व आम लोगों से की परिचर्चा

पंडौल : सरकार द्वारा आम बजट एक फरवरी को पेश होने वाला है. इस पर हर किसी की निगाहें और उम्मीदें टिकी हैं. किसान व आम लोग भी इस बजट को लेकर उत्साहित हैं. किसान जहां कृषि उपकरणों व खाद पर छूट देने की उम्मीद पाले हुए हैं तो कम व्याज दर पर लोन भी मिले यह आस भी सरकार से कर रहे हैं. अधिकतर किसान कृषि उपकरण, फसल बीमा योजना, सिंचाई की सुविधा,

गव्यपालन में अनुदान की राशि बढ़ाने की उम्मीद कर रहे हैं. प्रभात खबर की ओर से किसानों के बीच आयोजित बजट पूर्व परिचर्चा में उन्होंने खुलकर अपनी बातें रखी. किसानों का कहना था कि नोटबंदी से किसान सबसे अधिक परेशान हुए हैं. नोटबंदी ऐसे समय में की गयी थी जब एक ओर किसान अपने खेतों में गेहूं की बुआई करने की तैयारी कर रहे थे तो दूसरी ओर खलिहान में रखे धान को बेचने वाले थे.

सकरी बाजार स्थित उमर महमूद जूनियर कहते हैं कि यूं तो सालों भर किसान किसी ना किसी परेशानी से जूझते रहते हैं. कभी सुखाड़ की मार तो कभी बाढ़ की त्रासदी झेलना हमारी नियति बन गयी है. पर इस बार तो नोटबंदी ने हमारी कमर ही तोड़ दी. सरकार यह बातें जानती है. किसानों के हित में बजट पेश कर सरकार हमारी परेशानी को दूर कर सकती है.
सकरी पूर्वी निवासी निर्मल प्रसाद कहते हैं कि किसानों की पूरी उम्मीद अब सरकार के बजट पर ही टिकी है. सरकार ऐसी बजट पेश करे कि किसानों को यंत्र व बीज की खरीद पर कम लागत हो. बजट में किसानों के ऋण माफ करने एवं कम व्याज पर ऋण उपलब्ध करा कर सरकार मध्यमवर्गीय परिवार की रक्षा कर सकती है.
शत्रुघ्न प्रसाद कहते हैं कि सब्जी से लेकर कपड़ा तक सामग्री महंगी हो रही है. रोजमर्रे की वस्तु के दाम में आये दिन बढ़ोतरी होती जा रही है. ऐसे में इस बजट से महिलाओं को काफी उम्मीद है की बढ़ती महंगाई पर रोक लगेगी. सरकार ऐसी बजट पेश करे जिससे आम लोगों के जरूरत वाली दैनिक उपयोगी सामान की कीमत कम हो.
भवानीपुर निवासी रूद्रकांत झा कहते हैं कि सरकार को बड़े कारोबारियों पर भले ही टैक्स में बढ़ोतरी कर दे. पर किसानों को तो पूरी तरह से टैक्स के दायरे से मुक्त कर देना चाहिये. वहीं ऐसी योजना को लागू करना चाहिये कि किसान कम खर्च में आधुनिक उपकरण की खरीद कर सकें.
रामपट्टी निवासी दिनेश कुमार कहते हैं कि बीते दिनों बर्फवारी में फसल बर्वाद हो गयी. महाजन से उधार लेकर खेती किया था. सरकार हमें बजट के माध्यम से इस विपदा से बाहर निकाल सकती है. किसानों को कम व्याज पर सुलभ ऋण मुहैया कराये व किसानों की फसल को उचित कीमत दे. इसके साथ ही घर में प्रयोग होने वाली हर सामग्री जैसे गैस से माचिस तक महंगा हो गया है. दाल हो या चावल आंटा सब महंगा हो चला है. एक साधारण परिवार को घर चलाने में बहुत कठिनाई है. नये बजट में सरकार को घरेलू सामान की कीमत को कम कर देनी चाहिये. इसकी भरपाई बड़े उद्योगपति व कारोबारियों से करनी चाहिये .
बेनीपट्टी. पहली फरवरी को जारी होनेवाला केंद्रीय आम बजट को लेकर किसानों, व्यापारियों व आम लोगों में आस जगी है़ अधिकांश लोगों का मानना है कि इस बार आमजनों के ध्यान रखते हुए केंद्रीय बजट जारी करेगी़ विकास झा ने कहा कि इस बार की बजट में केंद्र सरकार को मिथिलांचल को कुछ विशेष मिलने की संभावना है, तो कन्हैया झा कहते हैं कि इस बार का बजट भी आम बजट होगा, जिसमें कुछ खास नया नहीं दिखने को मिल सकेगा़ जबकि रौशन कुमार का मानना है कि इस बार के बजट में टैक्स में अधिक छूट देने की संभावना है़ व्यवसायियों व आम किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ही केंद्र सरकार आम बजट जारी करेगी़ वहीं विद्यासागर पंजियार को इस बार मिथिलांचल में रेलवे लाइन बिछाने की उपेक्षा को लेकर खासे ही आस जगी है़ किसान जागरुकता समिति के सचिव कमल कुमार झा ने कहा कि खासकर किसानों की स्थिति को देखते हुए वजट में कृषि क्षेत्रों में कुछ खास समाहित किया जा सकता है़ राजेश कुमार कहते हैं कि संभवत: इस बार केंद्र सरकार मिथिलांचलवासियों को रेलवे सौगात जरूर देगी़ बता दें कि वर्षों से मिथिलांचल का बड़ा भूभाग रेलवे की सुविधाओं से वंचित है़ सीतामढी -निर्मली नई रेल लाइन की घोषणा के 19 साल बीतने के बावजूद अब तक इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुयी, जबकि नौ जून 1997 को जयनगर के टाउन क्लब मैदान में भारत सरकार के तत्कालीन रेल मंत्री रामविलास पासवान के द्वारा इस नई रेल लाइन के निर्माण किये जाने की घोषणा से मिथिलांचल के लोगों में रेल लाइन से जुड़ने की आशा जगी थी़ वहीं 2008 में सीतामढ़ी जिले के सुरसंड में तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव भी निर्मली रेल लाइन का शिलान्यास भी कर चुके हैं, पर दो दशक से अधिक समय बीतने के बावजूद अब तक मिथिलांचल के लोग रेलवे की सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं.

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