किशनगंज : सजायाफ्ता कैदियों के साथ मिल कर जेल परिसर में ही जादू टोना करने के मामले में गृह विभाग द्वारा बरखास्त जेल अधीक्षक देवेंद्र कुमार स्थानीय मंडल कारा में अपने कार्यकाल के दौरान विवादों में ही घिरे रहे थे.
मार्च 2012 में स्थानीय मंडल कारा में जेल अधीक्षक के पद पर नियुक्ति होने के साथ ही देवेंद्र कुमार महिला कैदियों के साथ दुर्व्यवहार मामले में घिर गये थे.
लगातार कई दिनों तक अखबारों की सुर्खियों में घिरे रहने के बाद अचानक स्थानीय मंडल कारा में तैनात चिकित्सक डा सुनील कुमार ने देवेंद्र कुमार के विरुद्ध अनुचित दबाव बना कर अपने पसंदीदा कैदियों को अनुसूची लाभ पहुंचाने का आरोप लगा दिया था. डा कुमार का कहना था कि कैदियों को लाभ न दिये जाने पर उन्हें तरह-तरह से शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता था.
इतना ही नहीं कई बार विभागीय जांच के दौरान बिना किसी पुर्वानुमति के अपनी ड्यूटी से लगातार गायब रहने के बाद अंतत: फरवरी 2014 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था तथा उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई प्रारंभ कर दी गयी थी. निलंबन के पश्चात देवेंद्र कुमार को केंद्रीय कारा पूर्णिया भेज दिया गया था.
जहां कुछ ही दिनों बाद अपनी ऊंची पहुंच के कारण वे सहरसा के जेल अधीक्षक बन बैठे थे. सहरसा में अपने कार्यकाल के दौरान देवेंद्र कुमार जेल के भीतर ही कैदियों के साथ जादू टोना करने, के साथ-साथ वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप में घिर गये थे.