प्रतिनिधि, खगडि़याजिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन हो इसके लिये लगातार जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है. इसके बावजूद जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 1481 है. अभी तक मात्र 106 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिये भवन तैयार हो चुके हैं, जबकि 89 भवनों का निर्माण कार्य किया जा रहा है. विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्र के भवन निर्माण को लेकर जमीन की जरूरत बतायी थी. वहीं तेरहवीं वित्त आयोग की राशि से इस भवन के निर्माण करने का निर्देश दिया गया था. स्थानीय पंचायतों में मुखिया व पंचायत सचिवों ने भवन निर्माण में बरती गयी कोताही भी बड़ी बाधक बनी थी. हालांकि डीएम राजीव रोशन अपने पदस्थापन के बाद से ही एक साथ कम से कम तीन सौ आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन निर्माण को लेकर लक्ष्य निर्धारित किया था. पिछले दिनों राजस्व कर्मचारियों व सीओ को निर्देश देकर सरकारी जमीन अथवा दान की जमीन को चिह्नित अथवा दान की जमीन को चिह्नित करने का निर्देश दिया गया है. जबकि पंचायत सेवकों को भी निर्देश दिया गया था कि भवन निर्माण को लेकर तेरहवीं वित्त आयोग की राशि का खर्च भवन निर्माण में करें. महंगी जमीन से हो रही परेशानीदिनोंदिन जमीनों की कीमत बढ़ती जा रही है. कोई भी सरकारी भवन निर्माण के लिये दान में जमीन विभाग को नहीं देना चाह रहे हैं. अलग बात है कि स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र व अस्पतालों के लिये विभाग को जमीन की जरूरत है. ऐसे में आखिर अपनी महंगी जमीन कोई मुफ्त में क्यों देंगे.
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आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिये नहीं मिल रही जमीन
प्रतिनिधि, खगडि़याजिले में आंगनबाड़ी केंद्रों को अपना भवन हो इसके लिये लगातार जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है. इसके बावजूद जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या 1481 है. अभी तक मात्र 106 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिये भवन तैयार हो चुके हैं, जबकि 89 भवनों का निर्माण कार्य किया जा रहा है. विभाग ने […]
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