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करोड़ों खर्च के बावजूद शहरवासियों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल

करोड़ों खर्च के बावजूद शहरवासियों को नहीं मिल रहा शुद्ध पेयजल

– आयरन युक्त पानी पीकर सेहत बिगाड़ने को मजबूर हो रहे लोग – बड़ी आबादी सेहत बचाने के लिए डब्बा बंद पानी पर निर्भर सरोज कुमार, कटिहार कटिहार शहर में नल जल योजना शहरवासियों के लिए सफेद हाथी बनकर रह गया है. करोड़ों खर्च के बाद भी शहरवासियों को शुद्ध पेयजल अबतक सपना ही है. यह योजना पांच वर्ष बीतने के बाद भी हवा हवाई बनकर रह गया है. करोड़ों की राशि पानी की तरह बहाने के बाद भी अधिकांश शहरवासियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. जिसका नतीजा है कि शहरवासी आयरनयुक्त पानी पीकर सेहत बिगाड़ने को मजबूर हो रहे हैं. दावा के अनुसार अब तक महज कुछ घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है. जिसका नतीजा है कि बड़ी आबादी सेहत बचाने के लिए डब्बा बंद पानी पर ही निर्भर होकर रह गये हैं. हालांकि कार्य कर रहे बुडको के पदाधिकारियों का दावा है कि करीब आठ हजार से अधिक घराें को शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है. जबकि 35333 करीब घरों को नल जल योजना के तहत पानी पहुंचाने का कार्य पिछले पांच वर्ष पूर्व शुरू किया गया था. प्रथम फेज के तहत 150 करोड़ की राशि से विभिन्न वार्ड के घरों में नल जल योजना के तहत पानी पहुंचाना था. इसके लिए कई पानी टंकी का निर्माण किया गया. सड़क खोदकर पाइप लाइन बिछायी गयी पर सब कुछ व्यर्थ साबित हो रहा है. ऐसा इसलिए कि विभाग के दावे के अनुसार अब तक 42 वार्ड में महज 12 से 13 वार्ड में ही नल जल योजना के तहत पानी पहुंचाया जा सका है. शहर के प्रबुद्धजनों की माने तो दूसरे फेज के तहत 45 करोड़ की राशि से पानी पहुंचाने का कार्य किया जाना था. अब विभाग की ओर से शेष रह गये घरों में पहुंचाने के लिए राशि वृद्धि कर विभाग को तीसरे फेज के लिए भेजी गयी. प्रथम फेज के तहत नल जल योजना के तहत घरों तक पहुंचायी गयी पाइप लाइन की हालत भी धीरे धीरे खराब हो रही है. ऐसा इसलिए कि कहीं सड़क के ऊपर तो कहीं से चोरों के द्वारा हाथ सफाई कर उड़ा लिया गया. वार्ड के विभिन्न सड़कों पर पाइप ऐसे बिछाये गये है कि आने जाने वाले राहगीर टकराकर घायल हो जाते हैं. कहीं पाइप लिकेज होने की वजह से हजारों लीटर पानी नाले में बहाया जा रहा है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. डब्बा बंद पानी का प्रमाणिक है या नहीं देखने वाला कोई नहीं शहर में इन दिनों कुकुरमुत्ते की तरह डब्बा बंद पानी बेचने का कार्य किया जा रहा है. इसे देखने वाला कोई नहीं है. पीएचडी से कितने डब्बा बंद पानी सप्लाई कर रहे हैं. इसकी प्रमाणिक जांचने वाला नहीं है. जबकि शुद्धता जांच करा कर ही बेचने का प्रावधान है. हर मोहल्ले व गली गली में इन दिनों डब्बा बंद पानी प्लांट स्थापित कर बेचने का कार्य किया जा रहा है. लोगों की माने तो आवश्यकता है इसकी प्रमाणिकता जांच के बाद ही पानी उपयोग में लाया जाये. सफ्लाई पानी घरों तक नहीं पहुंचा, पर सड़क को नदी में कर रहा तब्दील करोड़ों की लागत से शहर में कई पानी टंकी बनाया गया. पूरे शहर में पाइप लाइन बिछाई गयी. पर लोगों के घर शुद्ध पेयजल नहीं पहुंचा. पर कई मुहल्लों में बिछाये पाइप के लिकेज होने से सड़क पर पानी बह रहा है. जिससे पानी बरबाद होने के साथ ही सड़कें भी खराब हो रही है. लोगों को अवागमन में परेशानी हो रही है. यह स्थिति अनाथाल रोड स्थित लीची बागान में देखने को मिल रही है. जहां आधा अधूरा नाला बनाकर ठेकेदार छोड़ गया है. नाला बनाने के दौरान पाइप क्षतिग्रस्त होने की बात कही जा रही है. जिससे रविवार की शाम से पानी लिकेज होकर पूरी सड़क व नाला भर गयी है. जिससे स्थानीय लोगों को घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकांश घरों में पहुंचाया जा रहा नल का जल एक से आठ वार्ड तक के घरों में विशुद्ध रूप से नल का जल पहुंचाया जा रहा है. दो फेज में कार्य पूरा किया गया है. जिसमें तेजा टोला, मिरचाईबाड़ी, ड्राइवर टोला समेत कई मोहल्लों के घरों में नल का जल उपलब्ध कराया जा रहा है. नौ जगहों पर पानी टंकी का निर्माण हुआ है. सभी चालू हैं. विकास कुमार, परियोजना निदेशक, बुडको .

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