शौचालय तक की नहीं है सही व्यवस्था
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500 बच्चे व शिक्षकों के लिए एक चापाकल
शौचालय तक की नहीं है सही व्यवस्था कटिहार : जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोलासी राजकीय बुनियादी विद्यालय में सुविधाओं का घोर अभाव है. विद्यालय में शौचालय, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. इसके कारण एक चापाकल पर 500 बच्चे सहित शिक्षक-शिक्षिकाओं को पानी पीने के लिए विवश […]
कटिहार : जिला मुख्यालय से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित कोलासी राजकीय बुनियादी विद्यालय में सुविधाओं का घोर अभाव है. विद्यालय में शौचालय, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. इसके कारण एक चापाकल पर 500 बच्चे सहित शिक्षक-शिक्षिकाओं को पानी पीने के लिए विवश होना पड़ रहा है. समस्या को दूर करने वाला कोई नहीं है. विद्यालय में कहने के लिए चार शौचालय है. लेकिन एक भी शौचालय कारगर नहीं है.
शौचालय के आसपास जंगल-झाड़ उग आये हैं. इसके कारण विद्यालय के बच्चे खुले में शौच के लिए जाने को विवश हैं. विद्यालय के छात्र-छात्राओं को अब तक पुस्तक नहीं मिली है. इसके कारण बिना पुस्तक के ही बच्चे पढ़ाई करने को विवश हैं, जबकि कुछ दिनों में परीक्षा भी होनी है. अब इन छात्रों को चिंता है कि पाठ्य पुस्तक नहीं मिलने के कारण आगामी वार्षिक परीक्षा को कैसे देंगे. विद्यालय में चहारदीवारी नहीं है. जबकि यह विद्यालय कटिहार गेड़ाबाड़ी मुख्य सड़क के किनारे अवस्थित है. हमेशा यह सड़क व्यस्त रहता है. छात्र-छात्राओं के लिए सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. विद्यालय में बिजली, कंप्यूटर की व्यवस्था भी नहीं है.
पठन-पाठन के लिए पुस्तकालय, लैब तक की व्यवस्था नहीं है. इसके कारण छात्रों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. विद्यालय में रसोइघर है, लेकिन आठ माह से मानदेय नहीं मिलने के कारण रसोइया भी नियमित रूप से विद्यालय नहीं आती है. विद्यालय में 498 छात्र-छात्राओं का नामांकन है. वर्ग एक से आठ तक की पढ़ाई होती है. कहने के लिए विद्यालय में 12 कमरे हैं. लेकिन मात्र तीन कमरे में पढ़ाई की जाती है. ये कमरे भी काफी जर्जर हो चुके हैं. बरसात के मौसम में छत से पानी टपकना आम बात है.
विद्यालय परिसर में चार कमरे के दो मंजिला भवन का निर्माण किया गया है, लेकिन इसमें पढ़ाई नहीं करायी जा रही है. दो मंजिला भवन में दो नये शौचालय का निर्माण किया गया है, लेकिन विद्यालय में बिजली की व्यवस्था नहीं रहने के कारण मोटर युक्त पानी सप्लाई नहीं की जा रह है. इसके कारण विद्यालय प्रबंध समिति ने नये दो मंजिला भवन में छात्रों का प्रवेश अभी तक नहीं कराया है. न ही शौचालय को चालू किया गया है.
बोलीं प्रभारी प्रचार्य
प्रभारी प्राचार्य कुमारी रेणू ने कहा कि विद्यालय में चहारदीवारी नहीं रहने के कारण हमेशा बच्चों की सुरक्षा की चिंता लगी रहती है. विद्यालय में एकमात्र चापाकल है. इसी पर सभी छात्र छात्राएं एवं शिक्षक शिक्षिकाएं पानी के लिए आश्रित हैं. शौचालय चार हैं, लेकिन तीन शौचालय अति जर्जर रहने के कारण बेकार साबित हो रहा है.
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