जिले में एचआइवी मरीजों की संख्या 2583
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कम नहीं हो रही एचआइवी पॉजिटिव मरीजों की संख्या
जिले में एचआइवी मरीजों की संख्या 2583 नहीं मिल रहा है सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ कटिहार : राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के सहयोग से बिहार एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा पिछले कई वर्षों से एचआइवी व एड्स की रोकथाम को लेकर कई तरह से पहल की जा रही है. इसको लेकर आधारभूत संरचना भी दुरुस्त […]
नहीं मिल रहा है सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ
कटिहार : राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के सहयोग से बिहार एड्स नियंत्रण सोसाइटी द्वारा पिछले कई वर्षों से एचआइवी व एड्स की रोकथाम को लेकर कई तरह से पहल की जा रही है. इसको लेकर आधारभूत संरचना भी दुरुस्त की गयी है. तमाम तरह के जागरूकता कार्यक्रम व प्रचार प्रसार के बावजूद एचआइवी व एड्स रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
दरअसल शुक्रवार को एक दिसंबर है. हर वर्ष एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिवस के अवसर पर दुनिया भर में एचआइवी व एड्स को लेकर लोगों के बीच जागरूकता सहित कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. स्थानीय जिला प्रशासन के स्तर से भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम किये जाने की तैयारी की गयी है. प्रभात खबर ने विश्व एड्स दिवस को केंद्र में रखकर एचआइवी व एड्स पर कई तरह से पड़ताल की है
. इस पड़ताल के दौरान यह बात सामने आयी कि हर वर्ष एचआइवी व एड्स प्रभावित लोगों की संख्या बढ़ रही है. जिले में 2500 से अधिक एचआइवी पॉजिटिव लोगों की संख्या है, जबकि इनमें से स्थानीय एआरटी सेंटर से दवा खाने वाले एचआइवी और एड्स पीड़ित लोगों की संख्या 1671 है. एचआइवी पीड़ित लोगों के लिए सरकार की तरफ से कई तरह के सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम भी चलाये जाते हैं. पर अधिकांश लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. काफी जद्दोजहद के बाद 529 एचआइवी पीड़ित लोगों को एड्स शताब्दी योजना से जोड़ा गया है. मात्र 99 एचआइवी पॉजिटिव को सामाजिक सुरक्षा के तहत विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है. इसे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि एचआइवी पीड़ित लोगों के लिए स्थानीय प्रशासन कितना संजीदा है.
जिले के बारसोई प्रखंड में एचआइवी के सर्वाधिक मामले
जिला एड्स नियंत्रण एवं बचाव इकाई की रिपोर्ट के अनुसार, कटिहार जिले में कुल 2583 एचआइवी पीड़ित हैं. इनमें 1418 पुरुष व 1165 महिलाएं हैं. अब तक जिले में स्थापित आइसीटीसी द्वारा 262819 लोगों की रक्त जांच एवं काउंसेलिंग की गयी है. इसमें सर्वाधिक मामले बारसोई प्रखंड के हैं. इस प्रखंड में एचआइवी पीड़ित सर्वाधिक लोग हैं.
इसके बाद कटिहार प्रखंड व नगर है. एचआइवी- एड्स पीड़ितों को दवा उपलब्ध कराने के लिए कटिहार में एआरटी सेंटर खोला गया है. इस एआरटी सेंटर से कटिहार जिले के कुल एचआइवी पीड़ितों में से 1671 को दवा मिल रही है. इसमें अमदाबाद में 39, आजमनगर में 88, बलरामपुर में 60, बरारी में 86, बारसोई में 509, डंडखोरा में 17, फलका में 55, हसनगंज में 04, कदवा में 144, कटिहार ग्रामीण व नगर में 556, कोढ़ा में 82, कुरसेला में 29, मनिहारी में 79, मनसाही में 12, प्राणपुर में 15 एवं समेली में 06 एचआइवी पीड़ित व्यक्ति एआरटी सेंटर में पंजीकृत हैं.
पलायन है एचआइवी फैलने का मुख्य कारण : दरअसल, जिले के मजदूर वर्ग पलायन करने के लिए बड़े-बड़े शहरों में जाते हैं और गलत संगत में पड़ कर एचआइवी संक्रमित हो जाते हैं. हालांकि एचआइवी की रोकथाम को लेकर कई तरह की व्यवस्था की गयी है. विभिन्न स्तरों पर सरकारी व गैर सरकारी एजेंसियाें द्वारा जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाता है. उसके बावजूद एचआइवी व एड्स रुकने का नाम नहीं ले रहा है.
नहीं मिल रहा सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ
राज्य सरकार ने एचआइवी व एड्स पीड़ित लोगों को कई तरह की योजनाओं का लाभ देने को निर्देश जारी किया है. पर, जिले में इसकी स्थिति काफी खराब है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अक्तूबर तक मात्र 99 एचआइवी व एड्स पीड़ितों को सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ दिया गया है. एड्स शताब्दी योजना के तहत 579 लोगों को ही जोड़ा गया है. इस योजना के तहत एचआइवी व एड्स पीड़ित लोगों को 1500 रुपये प्रतिमाह दिया जाता है, जबकि बिहार एड्स नियंत्रण समिति की ओर से जिला स्तर पर अलग से आधारभूत संरचना दी गयी है. जिला कार्यक्रम प्रबंधक सहित कई तरह की व्यवस्था की गयी है. पर, विभागीय स्तर से मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा योजना से एचआइवी व एड्स पीड़ित वंचित हैं. बिहार एड्स नियंत्रण समिति की ओर से कटिहार जिले में नौ जगहों पर आइसीटीसी सेंटर चल रहे हैं. इसमें एचआइवी जांच के साथ-साथ परामर्श की भी व्यवस्था की गयी है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर सभी प्रखंड में एफआइसीटीसी की व्यवस्था है. यहां भी एचआइवी की जांच करायी जाती है.
सरकारी दिशा निर्देश के आलोक में एचआइवी व एड्स की रोकथाम को लेकर कई तरह के प्रयास किये जा रहे है. एचआइवी व एड्स ग्रसित लोगों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से भी जोड़ा जा रहा है.
शौनिक प्रकाश, डीपीएम, जिला एड्स नियंत्रण एवं बचाव इकाई
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