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घायलों को सड़क पर रख किया जाम

हंगामा कर आक्रोिशतों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी भभुआ सदर : सदर अस्पताल में रात के पहर अक्सर डॉक्टरों के नदारद रहने और कोई भी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध नहीं होने से मरीज व उनके परिजन परेशान रहते हैं. सोमवार की सुबह भी सदर अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने पर मरीज के परिजनों ने […]

हंगामा कर आक्रोिशतों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी
भभुआ सदर : सदर अस्पताल में रात के पहर अक्सर डॉक्टरों के नदारद रहने और कोई भी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध नहीं होने से मरीज व उनके परिजन परेशान रहते हैं.
सोमवार की सुबह भी सदर अस्पताल में डॉक्टर नहीं रहने पर मरीज के परिजनों ने खूब हंगामा मचाया. आक्रोश में परिजनों ने पिटाई से घायल मरीजों को सदर अस्पताल के समीप मुख्य सड़क पर रख उसे आधे घंटे तक जाम कर दिया. इस दौरान आक्रोशित मरीज के परिजन व लोग अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी करते रहे.
सड़क जाम रहने से सुबह-सुबह स्कूल जानेवाले छात्र-छात्राओं सहित आमलोगों को काफी परेशानी हुई. जाम के चलते कई वाहन सहित गुप्ताधाम से मुंडेश्वरी जानेवाले कई कांवरिये भी अपने-अपने वाहनों के साथ जाम में फंसे रहे.
हालांकि, जाम की सूचना जब तक नगर थाने को पहुंची, तब तक वहां मौजूद जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों द्वारा सड़क पर बेसुध पड़े लोगों के परिजनों को समझा-बुझा कर इलाज के लिए उन्हें पुन: अस्पताल भेजा.
पानी निकासी को लेकर मारपीट में हुए थे घायल: जानकारी के अनुसार, भगवानपुर थाना क्षेत्र के सरैया गांव में पहाड़ के झरने से आ रहे पानी को रोकने के विवाद में दो पक्ष आमने-सामने हो गये थे. इस दौरान लाठी-डंडे से की गयी जबरदस्त पिटाई से गांव के नचक राम के दो बेटे सत्येंद्र व महेंद्र राम गंभीर रूप से घायल हो गये.
चोट गंभीर आने पर दोनों को परिजन आनन-फानन में सुबह सात बजे इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचे. लेकिन, यहां पहुंचने पर डॉक्टर नदारद थे. पता चला कि रात की ड्यूटी में डॉ जेएन सिंह थे. लेकिन, वह रात की इमरजेंसी में ड्यूटी कर वह जा चुके थे. तब तक अन्य कोई डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचे. इधर, दोनों घायलों को जब इलाज नहीं मिलने पर हालत बिगड़ने लगी, तब घायलों के साथ आये परिजन व ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा.
आक्रोशित लोगों ने हंगामा करते हुए घायल दोनों भाइयों को उसी अवस्था में स्ट्रेचर पर लाद मुख्य सड़क पर पहुंच गये और सड़क जाम कर दिया.
हालांकि, जाम हटने के बाद पुन: घायलों को इलाज कराने के लिए अस्पताल ले गये, जहां तब तक ड्यूटी पर पहुंच चुके डॉ प्रेमराजन ने घायलों का इलाज शुरू किया. तब तक गंभीर हो चुके छोटे भाई को बेहतर इलाज के लिए चिकित्सक द्वारा बाहर रेफर कर दिया गया. गौरतलब है कि सदर अस्पताल में रात में चिकित्सकों की ड्यूटी रात आठ से सुबह आठ बजे तक होती है.

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