जहानाबाद सदर : ऊपर में पदाधिकारी और नीचे में चपरासी. किराये के भवन में चल रहा खनन विभाग. वर्तमान समय में खनन विभाग सरकार का महत्वपूर्ण विभाग बन गया है तथा इससे अच्छा राजस्व भी आता है. इसके बावजूद जिले में खनन विभाग किराये के भवन में चल रहा है. वहीं विभाग में कर्मचारी नहीं रहने की वजह से लोगों को समय पर काम निकालना मुश्किल हो जाता है.
वर्तमान समय में खनन विभाग के पास जिला खनन पदाधिकारी तथा एक चपरासी ही तैनात हैं एवं अनुबंध पर दो कार्यपालक सहायक प्रतिनियुक्त हैं. इन्हीं के सहारे चलता है विभाग. खनन पदाधिकारी के जिम्मे बालू घाट से अवैध उत्खनन को रोकना तथा चिमनी भट्ठा की जांच करना है, जिसके कारण खनन पदाधिकारी दिन में ज्यादातर समय फील्ड में ही देते हैं. खनन पदाधिकारी के फील्ड में चले जाने के बाद कार्यालय चलाने की जिम्मेदारी चपरासी तथा कार्यपालक सहायकों के जिम्मे होती है.
ईंट भट्ठा संचालकों को हो रही परेशानी: विभाग में कर्मचारी नहीं रहने के कारण ईंट भट्ठा संचालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. कार्यालय आने पर उन्हें समय से काम का निबटारा नहीं हो पाता है. काम कराने के लिए पदाधिकारी के इंतजार में दिन भर समय ईंट भट्ठा संचालकों को कार्यालय में ही बिताना होता है. बताते चलें कि खनन विभाग सकार को राजस्व देने वाले विभागों में से एक मानी जाती है. बालू को लेकर खनन विभाग और भी महत्वपूर्ण बन गया है. बालू एवं ईंट भठ्ठा से सरकार को सालाना अच्छी राजस्व प्राप्त जिले से हो रही है, फिर भी यह विभाग उपेक्षित है.
किराये के मकान में चल रहा कार्यालय
: एक ओर सरकार द्वारा प्राय: सभी विभागों का सरकारी भवन बना दिया है. वहीं अति महत्वपूर्ण माने जाने वाला खनन विभाग आज भी किराये के मकान में ही चल रहा है. विभाग को प्रति माह किराया के लिए 60 हजार रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
विभाग के पास संसाधन की घोर कमी है जिसके कारण कार्यों के निबटारा करने में काफी परेशानी होती है. विभाग के पास मेरे अलावे एक चपरासी नियुक्त है. इसके अलावा अनुबंध पर दो कार्यपालक सहायक प्रतिनियुक्त है. इन्हीं के सहारे किसी तरह कार्यालय में कार्यों का निबटारा किया जा रहा है.
मधुसूदन चतुर्वेदी, जिला खनन पदाधिकारी, जहानाबाद