उदासीनता . मौसम की मार झेलने को मजबूर नौनिहाल
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जिले में 21 स्कूल भवनहीन नहीं मिल रही है जमीन
उदासीनता . मौसम की मार झेलने को मजबूर नौनिहाल खुले आसमान के नीचे पढ़ते हैं छात्र-छात्राएं बगल के स्कूल में मर्ज करने की है विभाग की योजना जहानाबाद नगर : एक ओर सरकार जहां सब पढ़ें सब बढ़ें नारे दे रही है वहीं दूसरी ओर जिले में 21 स्कूल भवनहीन हैं जहां सैकड़ों की संख्या […]
खुले आसमान के नीचे पढ़ते हैं छात्र-छात्राएं
बगल के स्कूल में मर्ज करने की है विभाग की योजना
जहानाबाद नगर : एक ओर सरकार जहां सब पढ़ें सब बढ़ें नारे दे रही है वहीं दूसरी ओर जिले में 21 स्कूल भवनहीन हैं जहां सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं अपना भविष्य संवारने आते हैं. खुले आसमान के नीचे चलती है इन बच्चों की मस्ती की पाठशाला. कुछ स्कूल पंचायत भवन या सामुदायिक भवन में संचालित हो रहे हैं. जबकि अधिकांश खुले आसमान के नीचे ही संचालित होते हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर मौसम में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. गर्मी के मौसम में जहां उन्हें लू के थपेड़ों को सहना पड़ता है वहीं, जाड़े में सर्द हवाएं उनके बदन को छेदती है. बरसात के मौसम में इन भवनहीन स्कूलों के ताले नहीं खुलते.
ऐसे में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य कैसे संवरेगा यह सोच का विषय है.सरकार द्वारा शिक्षा तथा स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कार्य किया जा रहा है. समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा तथा स्वास्थ्य पहुंचाने का लक्ष्य सरकार का है. इसके लिए बड़े पैमाने पर स्कूल भवनों का निर्माण भी कराया जा रहा है. बावजूद इसके जिले में 21 विद्यालय भवनहीन हैं. इन विद्यालयों के पास न तो अपनी जमीन है जहां विद्यालय भवन का निर्माण कराया जा सके. भवन निर्माण के लिए शिक्षा विभाग के साथ जिला प्रशासन द्वारा भी जिलेवासियों से कई बार आग्रह किया गया कि वह विद्यालय भवन निर्माण के लिए जमीन दान करें,
लेकिन अब तक कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आया है जो इन विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध करा सके. ऐसे में इन विद्यालय का भवन बनना दूर की बात है. शिक्षा विभाग भी इन विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों की परेशानी से अनभिज्ञ नहीं है.भवनहीन विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को आसपास के विद्यालयों में मर्ज करने की सरकार की योजना है.
हालांकि जिले में अब तक इस योजना को पूर्णरूप से लागू नहीं किया गया है. इन विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को जब आसपास के विद्यालय में मर्ज किया जायेगा तो बच्चों को खुले आसमान में पढ़ने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा. हालांकि इससे बच्चों तथा अभिभावकों की परेशानी बढ़ जायेगी. उन्हें अपने घर से दूर शिक्षा का पाठ पढ़ने के लिए जाना होगा. हालांकि विद्यालय मर्ज होने के बाद कई तरह की परेशानियों से निजात मिल जायेगी.
मर्ज किये जायेंगे स्कूल
भवनहीन स्कूलों को आसपास के स्कूलों में मर्ज किया जायेगा. इसके लिए विभागीय अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गयी है. भवनहीन विद्यालयों में कितने छात्र-छात्राएं व शिक्षक हैं उनके नजदीक में कौन सा विद्यालय संचालित है. रिपोर्ट मिलने के बाद मर्ज करने की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
डॉ प्रियनंदन प्रसाद, डीईओ जहानाबाद
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