जीएसटी . लोगों ने दी िमली-जुली प्रतिक्रिया, इसकी बारीिकयां समझने की जरूरतट
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समान अधिकार का सपना हुआ साकार
जीएसटी . लोगों ने दी िमली-जुली प्रतिक्रिया, इसकी बारीिकयां समझने की जरूरतट कुछ ने सराहा, कुछेक को समझ नहीं आया जहानाबाद (सदर) : केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी लागू किये जाने पर व्यवसायियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आयी है. कुछ ने इसे आम-आवाम के लिए बेहतर सौगात कहा है, वहीं कुछ को जीएसटी समझ में नहीं […]
कुछ ने सराहा, कुछेक को समझ नहीं आया
जहानाबाद (सदर) : केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी लागू किये जाने पर व्यवसायियों की मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आयी है. कुछ ने इसे आम-आवाम के लिए बेहतर सौगात कहा है, वहीं कुछ को जीएसटी समझ में नहीं आया. वक्त के साथ जीएसटी की बेहतरी की झलक जब आमजनों के बीच सामने आयेगी तभी बेहतर प्रतिक्रिया मिल सकेगी. फिलहाल सरकार जो कह रही है, वो कारोबारियों के समझ से बाहर है. जहां बड़े व्यवसायी ने जीएसटी प्रणाली को सरकार का स्वागत योग कदम बताया है,
वहीं छोटे व्यवसायियों ने इसे परेशान करनेवाला बिल बताया. हालांकि अधिकतर व्यवसायियों ने जीएसटी को दूरगामी परिणाम वाला बताया. व्यवसायियों ने जीएसटी को सफल बनाने के लिए व्यवसायियों एवं ग्राहकों के बीच प्रचार-प्रसार करने के साथ ही जागरूकता अभियान चलाने की मांग भी सरकार से की है. ईमानदारी से काम करनेवाले व्यवसायियों के लिए जीएसटी फायदे का सौदा है. जो सिस्टम से काम करते आ रहे है उन्हें जीएसटी प्रणाली से किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. कुछ लोगों ने कहा कि आजाद भारत में समान अधिकार की बात सभी करते हैं, लेकिन सही मायने मे आम लोगों को समान अधिकार जीएसटी से ही मिल पाया है.
जीएसटी हर कारोबारी के लिए देर से ही सहीफायदे का सौदा होगा. शुरुआती दिनों में भले ही हमारे और ग्राहकों के बीच समझ और सामंजस्य का अभाव कुछ दिनों तक झलकता रहेगा, लेकिन बाद के दिनों में जब इसके बेहतर परिणाम सामने आयेंगे, तो व्यापारियों के लिए जीएसटी वरदान सरीखा साबिता होगा.
कैलाश पोदार, अध्यक्ष चैम्बर ऑफ कॉमर्स
जीएसटी का प्रभाव अच्छा रहेगा. अब हमें खाता-बही का हिसाब-किताब सही से रखना होगा. शुरुआत में तो हमलोगों को परेशानी होगी. ज्यादातर ग्राहक ग्रामीण इलाके के हैं और वे कैश खरीदारी ही करना चाहते हैं. उसमें हमें बिल देने में परेशानी होगी.
मो रआउन
जीएसटी लागू होने से शुरू में तो थोड़ी परेशानी होगी. जब व्यवसायियों एवं ग्राहकों को इसके बारे में पूरी जानकारी हो जायेगी, तो इसका परिणाम व्यवसायियों एवं ग्राहकों के लिए काफी सुखद रहेगा.
तुषारकांत कुमार उर्फ बबलू, दवा व्यवसायी
जीएसटी हम छोटे-छोटे व्यवसायियों के लिए मरन है. पहले हम लोग थोक बिक्रेता के यहां से आसान से समान ले आते थे और ग्राहकों के पास बेचते थे, लेकिन अब मुश्किल हो गया है.
बीज विक्रेता, अजय वर्मा
जीएसटी बिल लागू हो गया है अब सभी व्यवसायी को इसका हर हाल में पालन करना होगा. इसके लिए सभी व्यवसायियों को पांच बार प्रशिक्षण दिया जा चुका है. फिर भी परेशानी होती है, तो उसके लिए सभी अंचल कार्यालय में जीएसटी सहायता केंद्र खोला गया है.
नरेंद्र प्रसाद सिंह, प्रभारी सेल टैक्स कमिश्नर
केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी बिल लागू करने ो कदम का हम तहे दिल से सराहना करते हैं. हमलोग पहले भी टैक्स देकर समान मांगवाते थे और ग्राहकों को बिल दिया करते थे. जीएसटी बिल व्यवसायियों के लिए भविष्य में काफी फायदेमंद रहेगा.
सुमन कुमार, सिंघानिया रेडिमेड व्यवसायी
शुरुआत में तो हमलोगों को परेशानी होगी. इसका दूरगामी परिणाम हम सभी स्वर्ण व्यवसायियों के लिए अच्छा रहेगा.
मिथिलेश कुमार, स्वर्ण व्यवसायी
अभी तो हमलोग कच्चा बिल ही दे रहे हैं, लेकिन अब जीएसटी बिल लागू हो गया है. पक्का बिल देना ही होगा. जीएसटी बिल से व्यापारी एवं ग्राहक दोनों अनजान हैं.
विनेसरी प्रसाद, हार्ड वेयर व्यवसायी
इस बल से हम कपड़ा व्यवसायियों के लिए काफी नुकसानदेह है. पहले कपड़ा पर टैक्स नहीं लगता है, लेकिन सरकार ने कपड़ा पर पांच प्रतिशत का टैक्स लगा दिया है. यह भार तो हमलोग ग्राहक से पैसा लेकर ही चुकायेंगे.
दिलीप कुमार, कपड़ा व्यवसायी संघ के अध्यक्ष
केंद्र सरकार ने जीएसटी बिल लागू कर काफी सराहनीय कदम उठाया है. हमलोग पहले भी बिल दिया करते थे और अब भी देंगे. जीएसटी बिल के बारे में सरकार जागरूकता अभियान चला कर व्यवसायियों एवं ग्राहकों को जागरूक करे. इसका दूरगामी परिणाम काफी अच्छा रहेगा.
सुधीर केसरी, पलन जी
जीएसटी हम छोटे-छोटे व्यवसायियों को मार डालेगा. इतना दुकान से पैसा नहीं कमाता हूं कि बिल काटने के लिए एक दस हजार का स्टाफ रखूं. इतना बड़ा मेरा दुकान भी नहीं है कि उसमें कंप्यूटर लगा सके. यह बिल हम छोटे-छोटे व्यवसायियों के लिए परेशानीदायक है.
विजय कुमार, किराना व्यवसायी
जीएसटी लागू होने से अब सभी व्यवसायी को परचेज बिल एवं सेल बिल को अपटूडेट रखना होगा. शुरुआत में परेशानी होगी, लेकिन धीरे-धीरे पूर्व की तरह हो सभी व्यवसायी को बेनिफिट का टैक्स देना पड़ेगा.
सूर्यभूषण प्रसाद, अधिवक्ता
अभिकर्ता संघ ने जीएसटी का किया विरोध:जहानाबाद. जिले के लाइफ इंश्योरेंस अभिकर्ता संघ ने जीएसटी पारित बिल का विरोध किया है. जीएसटी के विरोध में जिले के लाइफ इंश्योरेंस एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया एवं एसोसिएशन वेश द्वारा लाइफ इंश्योरेंस कार्यालय के समक्ष शनिवार को धरना प्रदर्शन किया .राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत आयोजित धरने की अध्यक्षता नवीन शर्मा ने की. धरने में शामिल लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारा लगा जीएसटी नीति का पुरजोर विरोध किया तथा पारित बिल को केंद्र सरकार से वापस लेने की मांग की.
नंदलाला प्रसाद सिन्हा ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पॉलिसी धारकों को नया बीमा खरीदने में 4.5 प्रतिशत सर्विस टैक्स चुकाना पड़ेगा.
वहीं पुराना प्रीमियम जमा करने में 2.5 प्रतिशत का अतिरिक्त बोझ बीमा धारक पर पड़ेगा जो कि एलआइसी के हित में नहीं है. अभिकर्ता संघ में प्रदर्शन के दौरान जीएसटी को काला-कानून बताया है. कार्यक्रम में संघ के अध्यक्ष सिद्धनाथ प्रसाद, सचिव मुंद्रिका कुमार, रंगनाथ, संरक्षक विमलेश कुमार शर्मा, क्षेत्रीय उपसचिव संतोष कुमार, प्रियव्रत नारायण पांडे, मनोज तिवारी, रामकुमार चौधरी सहित दर्जनों लोग उपस्थित थे.
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