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बैंक के डायरेक्टर पर सर्टिफिकेट केस

दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने कर्ज की राशि नहीं जमा करने वाले डिफाल्टरों की कुंडली बनाने के साथ ही लगगभग 177 के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया है. केस दर्ज होने के बाद उन लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. गोपालगंज : यह खबर आपको भी हैरत में डाल देगी. लेकिन बात सोलह आने […]

दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने कर्ज की राशि नहीं जमा करने वाले डिफाल्टरों की कुंडली बनाने के साथ ही लगगभग 177 के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया है. केस दर्ज होने के बाद उन लोगों की बेचैनी बढ़ती जा रही है.
गोपालगंज : यह खबर आपको भी हैरत में डाल देगी. लेकिन बात सोलह आने सच है. दी सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक के डायरेक्टर,व्यापार मंडल, पैक्स अध्यक्ष समेत 177 लोगों के खिलाफ सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया गया है. यह केस बैंक के कर्ज की राशि नहीं जमा करने के बाद किया गया.कर्ज की राशि की रिकवरी के लिए बैंक की तरफ से कार्रवाई शुरू की गयी है.बैंक की इस कार्रवाई के बाद हड़कंप मचा हुआ है.
इस कार्रवाई के जद में बैंक के डायरेक्टर संतोष यादव, जो व्यापार मंडल मीरगंज के अध्यक्ष थे,उनके द्वारा बैंक की 8.33 लाख की राशि को नहीं लौटाया गया.बैंक ने नोटिस भी दिया. नोटिस के बाद भी जब राशि नहीं जमा की गयी, तो बैंक ने केस किया है.
उसी तरह सवरेंजी पैक्स के पूर्व पैक्स अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी पर 10.94 लाख, बैकुंठपुर के अजबीनगर के उमेश यादव पर 12.37 लाख, उनकी पत्नी धर्मशीला देवी पर 13.50 लाख, देवापुर के छोटे लाल चौधरी पर 5.64 लाख, उसी गांव के जवाहर यादव पर 6.42 लाख, सरेया हनुमान गढ़ी के निवासी मुन्ना प्रसाद पर पांच लाख, कल्याणपुर के मनोज साह पर 5.37 लाख, मंगलपुर के मनोज कुमार पर 7.74 लाख ,उसी गांव के कृष्णा राय पर 7.80 लाख का बकाया को लेकर यह कार्रवाई की गयी है. ये सिर्फ नमूना है. ऐसे रसूखदार 177 लोग हैं, जिन पर राशि की रिकवरी की कार्रवाई की गयी है. दूसरी ओर बैंक की तरफ से की गयी कार्रवाई को राजनीति से जोड़ कर देखा जा रहा है.
डेढ़ दर्जन पैक्स भी घेरे में आये : पैक्स में नियम-कानून को ताक पर रख कर काम करने वाले डेढ़ दर्जन पैक्स भी कार्रवाई की जद में है. विभाग ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की तैयारी में है. ऑडिट रिपोर्ट में लाखों के घोटाले का परदाफाश भी हो चुका है. इतना ही नहीं कई पैक्स अध्यक्षों पर भी राशि की देनदारी सामने आयी है. वर्ष 2014 में चुनाव के बाद हारे पैक्स अध्यक्षों के लिए भी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
रेवड़ी की तरह बांटे थे ऋण
को-ऑपरेटिव बैंक में नियमों को दर किनार कर रसूखदारों को रेवड़ी की तरह ऋण का वितरण किया है. कार्रवाई की तैयारी में जब बैंक रेकॉर्ड को खंगालना शुरू किया, तो कई चौंकाने वाली बातें भी सामने आयी हैं. नमूने के तौर पर बैकुंठपुर के अजबीनगर के रहने वाले उमेश कुमार राय तथा उनकी पत्नी धर्मशीला देवी को ऋण दिया गया.अब उमेश राय पर 12.37 लाख तो उनकी पत्नी के नाम पर 13.50 लाख की रिकवरी को लेकर बैंक ने कार्रवाई शुरू की है.उसी तरह मंगलपुर के मनोज कुमार पर 7.74 लाख, उसी गांव के कृष्णा राय पर 7.80 को भी देख ले. यह दोनों केस महज नमूना भर हैं. कई लोगों को उनके प्रभाव में आकर ऋण दिया गया है.

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