गोपालगंज : प्रगतिशील विचारधारा. चिंंता गरीबों की. कौन ठीक हुआ, किसको कौन दवा चाहिए, बस 24 घंटे एक ही धुन. गरीबों का इलाज हो जाये और वे चंगा हो जाएं यह धुन है 68 वर्षीय डॉक्टर शशिभूषण प्रसाद की. वे अपने मकान और संपत्ति को मरने से पहले दान कर मरीजों के इलाज के लिए एक बड़ा अस्पताल खुलवाना चाहते हैं. इसके लिए वे डीएम राहुल कुमार से मिल कर प्रस्ताव भी रख चुके हैं. डीएम ने अगर पहल की,
तो बरौली में एक भव्य अस्पताल बनेगा, जिससे गरीब और अमीर का भेदभाव न रहे. आनेवाले हर मरीज का बेहतर इलाज को सके. उन्हें गोपालगंज और पटना रेफर होने की जरूरत न पड़े. वर्तमान में डॉक्टर अपने घर को अस्पताल बना रखे हैं. गरीबोें का मुफ्त इलाज करते हैं और दवा भी मुहैया कराते हैं. वे भविष्य को लेकर चिंतित हैं. उनकी इच्छा है कि मरने के बाद उनका श्राद्ध न हो, उनको कोई श्रद्धांजलि न दे, लेकिन गरीबों का इलाज वे करें. इसके लिए वे अपनी पूरी संपत्ति सरकार को देने के लिए तैयार हैं.
कौन हैं डॉक्टर शशिभूषण
बरौली प्रखंड के नेउरी पिपरा गांव के डॉक्टर शशिभूषण प्रसाद वर्तमान में घर में डॉक्टरी करते हैं. उनके आगे-पीछे कोई नहीं है. लंबे अरसे से वे रोगी कल्याण समिति के सदस्य हैं. घर को उन्होंने अस्पताल बना रखा है और ताउम्र उसे अस्पताल ही रखना चाहते हैं.
घर में बनवा रखी है प्रतिमा : डॉक्टर मरने के पहले ही घर के एक कोने में अपनी प्रतिमा बनवा रखे हैं, जो जिंदा रहने तक ढंका रहेगा. वे श्राद्ध, मृत्युभोज, अनुष्ठान, नाते रिश्तेदार पर विश्वास नहीं रखते हैं. इसके लिए वे दीवार पर एक संवाद टांगे हुए हैं.
क्या देना चाहते हैं दान : डॉक्टर के पास एक आलीशान मकान है जिसे अस्पताल के रूप में बनवाया गया है. मकान से सटे उनकी दो बीघा जमीन है. उनकी इच्छा है अपनी पूरी चल-अचल संपत्ति दान देने की, लेकिन शर्त है अस्पताल खोलना और राजधानी स्तर का रूप देना. बतौर डॉक्टर वे दान देने के लिए प्रयासरत हैं और इस काम में डीएम राहुल कुमार ने उन्हें भरपूर सहयोग का आश्वासन भी दिया है.
घर में खुलवाना चाहते हैं बड़ा अस्पताल
डीएम से मिल कर संपत्ति रजिस्ट्री करने की तैयारी
कौन हैं डॉक्टर शशिभूषण
बरौली प्रखंड के नेउरी पिपरा गांव के डॉक्टर शशिभूषण प्रसाद वर्तमान में घर में डॉक्टरी करते हैं. उनके आगे-पीछे कोई नहीं है. लंबे अरसे से वे रोगी कल्याण समिति के सदस्य हैं. घर को उन्होंने अस्पताल बना रखा है और ताउम्र उसे अस्पताल ही रखना चाहते हैं.