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रोहिणी में आज मनेगी जन्माष्टमी

गोपालगंज : सनातन धर्म में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. नटवर नागर का जन्म 5117 वर्ष पूर्व द्वापर के अंत में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को हुआ था. श्रीकृष्ण को दस अवतारों में से सर्वप्रमुख पूर्णावतार 16 कलाओं से परिपूर्ण भगवान माना जाता है. इस […]

गोपालगंज : सनातन धर्म में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है. नटवर नागर का जन्म 5117 वर्ष पूर्व द्वापर के अंत में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि को हुआ था. श्रीकृष्ण को दस अवतारों में से सर्वप्रमुख पूर्णावतार 16 कलाओं से परिपूर्ण भगवान माना जाता है. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 25 अगस्त को बनायी जायेगी. ख्यात ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी के अनुसार अष्टमी तिथि 24 व 25 की रात 12:47 बजे लग रही है, जो 25 अगस्त को रात्रि 10.23 बजे तक रहेगी. वहीं, रोहिणी नक्षत्र 25 अगस्त को अपराह्न 3.20 बजे लग रहा है,

जो 26 अगस्त को दोपहर 1.50 बजे तक रहेगी. इस बार भगवान के जन्म के समय अष्टमी तिथि बीत चुकी होगी, लेकिन उनका जन्म नक्षत्र रोहिणी रहेगा. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पारणा 26 अगस्त को किया जायेगा. 26 अगस्त को ही उदय व्यापिनी रोहिणी मतावलंबी वैष्णवजन श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनायेंगे. यह व्रत बाल, कुमार, युवा, वृद्ध सभी अवस्था वाले नर-नारी को करना चाहिए. इससे उनके पापों की निवृत्ति और सुखादि में वृद्धि होती है. व्रतियों को चाहिए कि उपवास के पहले दिन रात्रि में अल्पाहार करें. रात्रि में जितेंद्रीय रहे और व्रत के दिन सुबह स्नानादि करके सूर्य, सोम, पवन, दिगपति, भूमि, आकाश, यम, खेचर, अमर और ब्रम्ह आदि को नमस्कार कर उतर मुख बैठें.

हाथों में जल, फल, पुष्प लेकर मास तिथि पक्ष का उच्चारण कर सभी तरह के पापों का शमन व सप्त अभिष्टों की सिद्धि के लिए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का संकल्प करें. रात्रि में भगवान के जन्म के बाद जागरण व भजन आदि करना चाहिए. इस व्रत को करने से पुत्र की इच्छा रखनेवाली महिलाओं को पुत्र, धन की कामना वालों को धन, यहां तक कि इस व्रत को कर कुछ भी पाना असंभव नहीं रहता और अंत में कृष्ण के धाम बैकुंठ की प्राप्ति होती है.

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