गोपालगंज : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के रेलमंत्रित्व काल के ड्रीम प्रोजेक्ट पर ग्रहण लग गया है. आवंटन के अभाव में हथुआ-भटनी रेलखंड परियोजना अधर में लटक गयी है. इस परियोजना के लिए पिछले दो वर्षों से आवंटन का इंतजार किया जा रहा है. पैसे के अभाव में 15 गांवों की अधिगृहीत जमीन का पैसा नहीं दिया जा सका है,
जबकि 21 गांवों के भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई भी शुरू नहीं हुई है. 36 गांवों के भूमि अधिग्रहण के भुगतान के लिए पैसे का इंतजार जिला भू-अर्जन कार्यालय को है. इसके लिए जिला भू-अर्जन कार्यालय से लगातार पत्राचार किया गया है. रेल मंत्रालय इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर चुप्पी साधे हुए है.
अब फरवरी, 2016 में लोकसभा में पेश किये जानेवाले रेल बजट पर ही इस परियोजना का भविष्य टिका हुआ है. आवंटन नहीं मिलने के कारण आशंका है कि कहीं थावे रेल मंडल की तरह रेल मंत्रालय अनुपयोगी न करार दे दे. हालांकि हथुआ-भटनी रेलखंड की दूरी 85 किमी है.
फेज वन में वर्ष 2006 से 08 के बीच बथुआ तक नयी रेल लाइन बिछा कर वर्ष 2008 में ही सवारी गाड़ी का परिचालन शुरू करा दिया गया है. बथुआ बाजार तक फेज वन पर दौड़ती है ट्रेन हथुआ से बथुआ तक ट्रेन की सुविधा उपलब्ध है. फेज टू में बथुआ से जमुनहां, पंचदेवरी, समउर, कटेया, भोरे, भिंगारी होकर भटनी तक नयी रेल लाइन बिछाने का काम अधर में लटका हुआ है.
लोगों का ट्रेन में सफर का सपना चूर होने लगा है. इस परियोजना पर यूपी और बिहार के लगभग 15 लाख की आबादी निर्भर है. रेल परियोजना से क्या होगा लाभ- हथुआ-भटनी रेलखंड वैसे सुदूर ग्रामीण इलाकों को जोड़ता है, जहां यातायात की कोई ठोस सुविधा उपलब्ध नहीं है.
इस परियोजना के पूरा होने से 15 लाख की आबादी को यातायात की सुविधाएं उपलब्ध होतीं.- पिछड़े हुए इस इलाके में विकास का एक नया आयाम शुरू होता.- हथुआ-भटनी रेलखंड के चालू होने से वाराणसी से सीधा गोपालगंज जुड़ता. – मालगाड़ी का परिचालन इस रूट से बढ़ा कर समय से पहुंचाया जाता. –
परियोजना से दो हजार युवकों को व्यवसाय और रोजगार उपलब्ध होता. इन गांवों के किसानों की बकाया है राशि पंचदेवरी प्रखंड के भठवा, सहिजनवा खुर्द, कुकुरभुका, झिलवनिया, बड़ी सुजावलपुर, करमैनी, पहलदवा, भागीपटी खुर्द, मलपुरा, कटेया प्रखंड के अमेया, मानपुर, भेड़िया, पंचदेवरी, बहेरवा के किसानों की 26 अप्रैल, 2011 तक जमीन का अधिग्रहण किया गया, लेकिन भुगतान अब तक नहीं किया गया.
अभी होना है जमीन का अधिग्रहणजिन गांवों में रेल परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का काम बाकी है, उनमें सुक्रौली, मोतीपुर, परसौनी, नेहरुआ कला, नहरुआ खुर्द, चकरवां खास, कोरया, भोरे, चखनी, बैकुंठपुर, अमवां, जसौली, कटेया, भीसवा, खालसा, छितौना, बंगरा, नारू चकरवां, गौरा, अहियापुर, डुमरिया, करनपुरा, बखरिया शामिल हैं.
क्या कहते हैं अधिकारीरेलवे की तरफ से हथुआ-भटनी रेलखंड का आवंटन दो वर्षों से नहीं मिला रहा है. इसके कारण भूमि अधिग्रहण का काम बंद है. राशि मिलने पर अधिग्रहण का काम पूरा किया जायेगा. विमल कुमार सिंह, भू-अर्जन पदाधिकारी