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सवा लाख दीपों से सजेगा मां सिंहासनी का दरबार

गोपालगंज : देव दीपावली के मौके पर बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे में मां सिंहासनी का दरबार इस वर्ष सवा लाख दीयों से जगमग होगा. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 12 नवंबर को मनायी जायेगी. एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल ने बताया कि देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां […]

गोपालगंज : देव दीपावली के मौके पर बिहार के प्रमुख शक्तिपीठ थावे में मां सिंहासनी का दरबार इस वर्ष सवा लाख दीयों से जगमग होगा. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा 12 नवंबर को मनायी जायेगी. एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल ने बताया कि देव दीपावली को भव्य बनाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं.

मां के दरबार में दीप दान करने से न सिर्फ शांति मिलेगी बल्कि समृद्धि, आरोग्यता व दरिद्रता भी समाप्त होती है. यह दीप जीवन में उजाला भरता है. आपका दान किया गया दीप धर्मशास्त्र के साथ वातावरण के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. ज्योतिषविद् पं राजेश्वरी मिश्र की मानें तो पूर्णिमा को त्रिपुर राक्षस के वध से प्रसन्न होकर देवता अपनी खुशी को दिखाने के लिए दीपक जलाते हैं. इसी वजह से इस दिन को देव दीपावली के रूप से मनाया जाता है.
शुभ मुहूर्त
देव दीपावली प्रदोष काल शुभ मुहूर्त- 12 नवंबर 2019 को शाम 5 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 04 मिनट तक
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- शाम 6 बजकर 2 मिनट से 11 नवंबर
पूर्णिमा तिथि समाप्त – शाम 7 बजकर 04 मिनट तक 12 नवंबर
पूजा-विधि
देव दीपावली के दिन गंगा स्नान को अधिक महत्व दिया जाता है.
देव दीपावली के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है.
इस दिन शाम के समय भगवान शिव को पुष्प, घी, नैवेद्य, बेलपत्र आदि अर्पित करें.
शिव के मंत्र का करें जप
भगवान शिव के मंत्र ‘ऊं नम: शिवाय’ या ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बेकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योवर्मुक्षीय मामृतात्ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ मंत्र का जाप करना इस दिन शुभ रहता है.
भगवान विष्णु को पीले फूल, नैवेद्य, पीले वस्त्र, पीली मिठाई अर्पित करें.
भगवान शिव और भगवान भगवान विष्णु को मिष्ठान का भोग लगाएं और उनकी विधिवत पूजा करें.
धूप व दीप से आरती उतारें. इसके बाद तुलसी के नीचे दीपक जलाएं.
विष्णु भगवान का मंत्र
भगवान विष्णु के मंत्र और ऊं नम : नारायण या नमो स्तवन अनंताय सहस्त्र मूर्तये, सहस्त्रपादाक्षि शिरोरु बाहवे। सहस्त्र नाम्ने पुरुषाय शाश्वते, सहस्त्रकोटि युगधारिणे नम: मंत्र का जाप करें.

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